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सूचना एवं संचार प्रद्यौगिकी अल्पसंख्यक महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये आवश्यक - एस0सी0 सिन्हा

Posted on 14 February 2015 by admin

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता तथा कम्प्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये यह शब्द एस0सी0 सिन्हा, सदस्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, ने कहे। विश्वविद्यालय में सूचना एवं संचार प्रद्यौगिकी द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण विकास विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में कई विशिष्ट अतिथियों ने प्रतिभाग किया। श्री सिन्हा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सिविल सोसाइटी के सभी सदस्यों को रोज़मर्रा में प्रयोग होने वाली आई0सी0टी0 तकनीकों द्वारा महिला सशक्तिकरण में अपनी भागीदारी देनी चाहिये।
कार्यक्रम का आरम्भ कुरआन की तिलावत एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। इस अवसर पर मुख्य एवं गणमान्य अतिथियों तथा विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा स्मारका का भी विमोचन किया गया।
सेमिनार में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती शमीना शफीक़, ने लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं की दयनीय दशा सामाजिक विकास में बाधा है और कहा कि उनका शोषण हर क्षेत्र में हो रहा है। उन्हें अपने कार्य की सही मज़दूरी भी नहीं मिल पाती। आई0सी0टी0 का ज्ञान और उसके उपयोग के सम्बन्ध में उन्हें प्रशिक्षित किया जाये तो बिचैलियों से मुक्ति पाकर वे अपनी आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर सकती हैं।
कार्यक्रम में रायटर्स के राज्य संवादाता श्री शरद प्रधान ने कहा कि आई0सी0टी0 महिलाओं की शिक्षा और विकास में एक अहम भूमिका निभा सकता है और साथ ही उन्होने यह सुझाव भी दिया कि शैक्षिक संस्थाओं विशेषकर विश्वविद्यालयों में आई0सी0टी0 एवं कौशल विकास से सम्बन्धित अल्प अवधि के कोर्स चलाकर महिलाओं को सशक्त किया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुये कहा कि महिलाओं के हितों के कानून तो बने हैं लेकिन आवश्यकता है कि सरकारी मशीनरी द्वारा कानून का सख्ती से पालन करवाया जाये।
सेमिनार में श्रीमती सुतापा सानयाल, एडिशनल डायरेक्टर जनरल पुलिस, ने पावर प्वाइंट प्रजे़न्टेशन द्वारा महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि आई0सी0टी0 का उपयोग करते हुये पुलिस विभाग द्वारा पीडि़त महिलाओं को एफआईआर लिखवाने में कोई कठिनाई न हो इसलिये आनलाइन एफआईआर लिखवाने की व्यवस्था की गई है।
प्रो0 खान मसूद अहमद, माननीय कुलपति, ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय, ने सभी अतिथियों को स्वागत करते हुये कहा कि महिलाओं में बेहतर कार्य करने की क्षमता होती है, आवश्यकता है कि वह आई0सी0टी0 का उपयोग अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने में करें और देश के विकास की मुख्य धारा से जुड़ें। उन्होंने घोषणा की कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती शमीना शफीक़ ने ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय को महिला सशक्तिकरण पर सेमिनार आयोजित करने तथा कम्युनिटी रेडियो खोलने का प्रस्ताव दिया है। कुलपति महोदय ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुये उन्हें धन्यवाद दिया।
प्रमुख प्रतिभागियों में डा0 राकेश जैन, एसोसिएट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, नैशनल पी0जी0 कालेज, सुश्री शिल्पी अग्रवाल, डायरेक्टर, साकार, बरेली, डा0 उमेश आर्या, चेयरमैन, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग, गुरू जाम्बेश्वर युनिवर्सिटी आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालाॅजी, हिसार, बेगम शहनाज़ सिदरत, अध्यक्ष, बज़मे खवातीन, अनुपमा शरद, रेडियो जाॅकी, एआईआर एफएम रेनबो, ले0 राजश्री, एएनओ और असिस्टेन्ट प्रोफेसर, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, बी0बी0ए0यू, लखनऊ, उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री दुआ नक़वी एवं एवं डा0 नलिनी मिश्रा ने किया। समिनार की संयोजक डा0 तनु डंग ने सभी गणमान्य अतिथियों एवं उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के सदस्यों डा0 अल्का अग्रवाल (संयोजक), डा0 अताउर्रहमान आज़मी (संयोजन सचिव), डा0 मज़हर खालिक एवं डा0 रूचिता सुजय चैधरी (सह0 संयोजक), डा0 मुशीर अहमद, सुश्री बुशरा अलवेरा और डा0 नीरज शुक्ला तथा विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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