‘‘आम आदमी पार्टी गरीबों के घरों का वह चिराग हैं हैं जिसे उन्होंने अपने खून से जलाया है ताकि इस चिराग से न सिर्फ उनके अपने घरों में बल्कि दिल्ली शहर के तमाम घरों में उज्याला कर सकें। हमें खूब पता है कि हमारी चुनौती अब प्रारंभ होगी जब हम दिल्ली और एमसीडी आदि में भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास करेंगे, जो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए दिल और जान से काम कर रहे तमाम कार्यकत्र्ताओं का सपना है। हमें यह भी पता है कि इस कोशिश में हमें पत्थरों का भी सामना करना पड़ेगा लेकिन आने वाली दिल्ली सरकार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में तमाम चुनौतियों का सामना करने को तैयार है।’’ यह कहना है मौलाना कल्बे रूशैद का जिन्होंने दो महिने से अधिक चले चुनावी अभियान में विभिन्न टीवी चैनलों पर आम आदमी पार्टी का बचाव करने और उसके चुनावी वादों को टीवी चैनलों के माध्यम से जनता तक पहुंचाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई।
कल्बे रूशैद का कहना है कि वह इस जीत के लिये पहले से ही आश्वस्त थे। ‘‘जब अरविंद केजरीवाल कुर्सी छोड़ रहे थे तो मैंने कहा था कि आप ठीक कदम उठा रहे हैं क्योंकि इस देश में त्याग करने वालों को हमेशा सम्मान मिलता है। विरोधी पार्टियों ने सारी मान मर्यादाओं को त्यागते हुये अरविंद केजरीवाल पर भगोड़ा होने का आरोप लगा कर उनको मजबूर कर दिया कि वह जनता से माफी मांगे। लेकिन अरविंद ने माफी भी इतने दिल से और इतनी नम्रता से मांगी कि जनता ने उन्हें न केवल माफ कर दिया बल्कि समाज के हर वर्ग ने और हर समुदाय ने उन्हें ऐसा प्यार दिया जैसे वह उनमें से ही हों। वर्ना नेता तो घर जला कर माफी नहीं मांगते, इसने तो कुर्सी छोड़कर माफी मांगी थी।’’
कल्बे रूशैद कहते हैं कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को जो वोट दिया है वह इस बात का सूचक है कि जनता ने उन्हें अपने दिल में उतार लिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अंतर था आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान में और विरोधी पार्टियों के चुनावी अभियान में, कल्बे रूशैद कहते हैं कि मोदी सियासत की जंग लड़ रहे थे जब्कि अरविंद केजरीवाल गरीबों के हुकूक की जंग लड़ रहे थे। कल्बे रूशैद कहते हैंः ‘‘मोदी सियासत की जंग लड़ रहे थे। यह मोदी को सोचना होगा कि सियासत की जंग में उनकी जीत हुई या हार हुई। अरविंद गरीबों के हुकूक की जंग लड़ रहे थे। गरीबों ने उनको भारी जीत दिलाकर बताया है कि तुम इस लाएक हो कि हमारे लिये जंग लड़ सको। जाओ हम तुम्हें दिल्ली राज्य की सब से बड़ी कुर्सी पुनः दे रहे हैं।’’
कल्बे रूशैद का मानना है कि दिल्ली अब वह माडल राज्य बन सकेगा जहां आम आदमी पार्टी की सरकार और कार्यकर्ता स्वयं काम करके अपने आप को तैयार करेंगे कि हम जिस राज्य में भी जायें वहां भी पहले की सरकारों से अच्छी सरकार दे पायें। मुझे यकीन है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली को अब तक की सब से बेहतर सरकार मिलेगी। हमें एक अच्छा दिल्ली देखने के लिये तैयार हो जाना चाहिये जिस में अच्छे लोगों का नेतृत्व होगा।’’
अच्छा दिल्ली और अच्छे लोगों की परिभाषा करते हुये कल्बे रूशैद कहते हैंः ‘‘शहर तीन तरह से बनता है। एक वह जिसे इंजीनियरों ने बनाया हो, एक वह जिसे शहर के लोगों ने बनाया हो और एक वह जिसे शहर के अच्छे लोगों ने बनाया हो। मैं आश्वस्त हूं कि आने वाले समय में हमको अच्छे लोगों द्वारा बनाया गया दिल्ली देखने को मिलेगा। ऐसा दिल्ली जो व्यवहार में, सदाचार में, समाजिक दृष्टिकोण से, शहर की सड़कों पर, लड़कियों की हिफाजत में, मां बहनों की सलामती में, घरों की इज्जत और जनता को दादागिरी, भ्रष्टाचार और महंगाई से मुक्ति में, गरीबों को सहारा, बीमारों को इलाज और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में अच्छे लोगों के प्रयासों का परिणाम हों।’’
टीवी चैनलों पर बेहतरीन वक्तृत्व के माध्यम से आम आदमी पार्टी की बाते जनता तक पहुंचाने में रही उनकी अहम भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कल्बे रूशैद ने कहा कि उनको जो काम सौंपा गया था वह उन्होंने किया। अरविंद केजरीवाल से उनके रिश्तों की बात पूछी गयी तो उन्होंने क्हा कि उनके पास जरा भी समय नहीं रहता परन्तु इसके बावजूद वह जब भी मिल पाते हैं बहुत इज्जत देते हैं और हर प्रकार मार्गदर्शन करते हैं। ‘‘बहुत सारे लोग अरविंद केजरीवाल के पास जाते हैं और अनेक दिमाग उनको राय देते हैं परन्तु परवरदिगार का करम है कि अगर मैं दस बातें कहता हूं तो वह आठ मानते हैं। उनके पूछने पर या प्रश्न करने पर या न भी पूछने पर मुझे जो ठीक लगता है मैं उनसे कहता हूं और वह हर राय का सम्मान करते हैं।’’
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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