प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज नई दिल्ली में भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री से कई महत्वपूर्ण मुद्दों एवं उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़े अन्य बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि सुझाव अच्छे हैं और विचार करने के बाद उन पर निर्णय लिया जायेगा।
राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री से देश के परमवीर चक्र से सम्मानित 21 लोगों के भित्ति चित्र दिल्ली में योग्य स्थान पर स्थापित किये जाने के बारे में बात की तथा अंडमान की सेल्युलर जेल में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की प्रतिमा की स्थापना का भी सुझाव रखा। राज्यपाल ने यह भी अनुरोध किया कि कुष्ठ पीडि़तों के लिये उन्होने 2007 में जो याचिका संसद को दी थी उस याचिका पर संसदीय समिति ने जो सिफारिश दी है, उसको अमल में लाया जाय। उन्होंने बताया कि उनके सुझाव पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री अखिलेश यादव ने कुष्ठ पीडि़तों के निर्वहन भत्ते को प्रतिमाह रूपये 2500 कर दिया है।
श्री नाईक ने स्वच्छ गंगा अभियान पर चर्चा करते हुए शवों को गंगा नदी में प्रवाहित किये जाने से बढ़ते प्रदूषण की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए जनता में जागरूकता लाने एवं सर्वमान्य रास्ता निकालने की अपेक्षा की है। उन्होंने मत्स्य व्यवसाय के संवर्धन हेतु स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना का भी सुझाव दिया।
राज्यपाल ने महाराष्ट्र के तारापुर अणुऊर्जा परिकल्प के विस्थापित लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें शीघ्र न्याय दिलाने का उनसे अनुरोध भी किया। तारापुर अणुऊर्जा परिकल्प का मामला मुम्बई हाईकोर्ट में पिछले 10 सालों से विचाराधीन है। कल दिनांक 9 फरवरी को इस मुकदमे की सुनवाई न्यायमूर्ति वासंती नाईक तथा न्यायमूर्ति सी0वी0 भदंग की पीठ द्वारा की गयी, जिसकी अगली सुनवाई अब 16 मार्च, 2015 को होगी। इस मुकदमें की पैरवी श्री राम नाईक स्वयं कर रहे थे, पर अब राज्यपाल बनने के बाद वे नहीं कर सकते।
उल्लेखनीय है कि तारापुर के प्रभावित दो देहात में 1250 विस्थापित परिवार हैं, जिनमें मुख्यतः मछुवारे, किसान एवं आदिवासी हैं। विस्थापितों का अभी तक उचित पुनर्वास नहीं हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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