गरीबी और बेरोजगारी का समूल विनाश करके हर गरीब के चेहरे पर मुस्कान लाना ही हमारा मकसद है। जनपद में 8 फरवरी 1977 से दरिद्र नारायण सेवामहे के लक्ष्य के साथ प्रारम्भ ग्रामीण बैंक की विकास यात्रा के 38 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बैंक अधिकारियों की कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर क्षेत्रीय प्रबंधक ओ.पी. तिवारी ने उक्त उदगार व्यक्त किये।
श्री तिवारी ने बैंक अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद के हर किसान को किसान क्रेडिट कार्ड की नयी योजना से आच्छादित करने के लिए जनपद के हर गाॅव में चैपाल का आयोजन किया जाय। कार्यशाला में वरिष्ठ प्रबन्धक समन्वय सीएल गुप्ता ने अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष में बैंक के व्यवसाय में प्रगति से रूबरू कराते हुए गाॅव-गाॅव घर-घर तक बैकिंग सेवा पहुंचाने का अपना व्यवसायिक लक्ष्य पूर्ण करने के लिए प्रेरित किया। आशीष पाण्डेय प्रबन्धक अग्रिम ने गुणवत्तापरक ऋण वितरण में बृद्धि कि सख्त जरूरत की तरफ बैंक अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। श्री पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण बैंक आज पूर्ण व्यवसायिक बंक की तरह हर क्षेत्र में ऋण प्रदान कर रहे है तथा हमारी ब्याज दरें और शर्ते भी अन्य बैंकों से काफी आसान है। कार्यशाला में आशीष राय इलाहाबाद ने बैंक अधिकारियों को अस्तियां के प्रबन्धन और वूसली के उपायों के बारे में बताया, साथ ही श्री राय ने अधिकारियों को बैंक कि अपेक्षाओं और जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए भी प्रेरित किया। कार्यशाला सहभागियों को सम्बोधित करते हुए अजय द्विवेदी प्रबन्धक वित्तीय समावेशन ने बताया कि व्यवसाय में बृद्धि में ग्राहक सेवा सबसे ज्यादा सहायक है। यद्यपि ग्रामीण बैंक की ग्राहक सेवा का स्तर अन्य बैकों से काफी अच्छा है। कार्यशाला में पीएस शुक्ल प्रबन्धक सतर्कता, प्रबन्धक परिचालन दयाराम , प्रबन्धक आईटी जगदीश चन्द्र सहित सभी 73 शाखाओं के अधिकारियों ने सहभागिता दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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