नशे का शिकार हो रही युवा पीढ़ी ग्रामीण व कस्बे में युवक तबका नशे का आदी होता जा रहा है। कुछ युवक तो शौकिया या दिखावे के लिए नशा के गिरफ्त में फंसते है तो कुछ बेरोजगारी में गलत संगत में आकर नशेड़ी बन रहे है, जो कि रोजगार पाने के लिए दर-दर भटकते नजर आते है। जिसके कारण युवाओं को निराशा ही हाथ लगती है तथा यह युवक मानसिंक तनाव से पीडि़त नशे का आदी होता जा रहा है। जिसके कारण कई परिवार तबाह हो चुके है।
सरकार व समाज सेवी संस्थाओं द्वारा समय-समय पर नशा विरोधी अभियान तो चलाये जाते है। लेकिन जयसिंहपुर क्षेत्र में उसका कोई खास असर नहीं दिखाई देता है। नशा उन्मूलन के नाम पर लाखों रूपये हजम करने वाली संस्थायें कोई खास कदम नहीं उठाती है। नव युवकों के बीच नशे की लत दिन प्रतिदिन गहरी होती जा रही है। वहीं पर बेरोजगार युवा सबसे ज्यादा नशे का सहारा ले रहा है। जिससे उनका भविष्य अन्धकारमय होता जा रहा है। जिससे अभिभावकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नशे को आज इस युवा पीढ़ी ने उखाड़ फेकना मुश्किल ही नही नामुकिन भी हो गया है। जयसिहपुर तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले कस्बों व गाॅवों में गाजा, चरस, स्मैक व जहरीली शराब की भरमार हो चुकी है। इन गाॅवों व कस्बों में बरौसा चैराहा, दियरा, गोसाईगंज, मोतिगरपुर, पीढ़ी, विरसिंहपुर, भटमई, सुदनापुर, ढेमा बाजार, बेलवारे आदि स्थानों पर इसकी बिक्री जोरों पर चल रही है। वही पुलिस प्रशासन व आबकारी विभाग इन अवैध बिक्री से अनभिज्ञता जताते हुए अपना-अपना पल्ला झाड़ लेते है। लेकिन स्थानीय सूत्रों की मानंे तो क्षेत्र में हल्का सिपाही के संरक्षण में यह अवैध नशे का धंधा फलफूल रहा है। आज न जाने कितने युवक रोजगार पाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। क्षेत्र में कुछ नाबालिक किशोर भी मादक पदार्थ का सेवन करते हुए नजर आते है। इसका अंजाम आने वाले भविष्य पर कितना खतरनाक हो सकता है। आकड़ा लगाना मुश्किल है। इसकी वजह है कि विभाग और क्षेत्र की पुलिस की निष्क्रियता, जोकि आज ऐसा कोई गाॅव व बाजार अवैध मादक पदार्थो से वंचित नहीं है जहां क्षेत्र में अवैध दूकान न खुल गई हो। जिसके कारण क्षेत्र में अपराध की संख्या बढ़ती नजर आ रही है, और विद्यालय में भी छात्र एवं छात्राएं सुरक्षित नजर नहीं आ रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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