परीक्षायें निकट हैं, समस्यायें विकट हैं, इन समस्याओं में यदि स्वास्थ्य फिट है तो आप परीक्षा में हिट हैं यदि नहीं तो यह खतरे की घंटी है आपके लिए! इसलिए इस खतरे की घंटी की आवाज को कान खोलकर सुन लीजिए, सावधान हो जाइये! अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखिये तभी आप परीक्षा में हिट होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि विद्वानों का मत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मष्तिष्क निवास करता है। इसलिए अतिआवश्यक है कि परीक्षा सन्निकट होने के कारण पढ़ाई के साथ साथ स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें। इन सुझावों पर भी अमल करें यह सुझाव आपके लिए रामबाण साबित होंगे और आप अपनी परीक्षा में विजय प्राप्त कर विजयी कहलाये जायेंगे।
नींद अवश्य पूरी करें: यह बात सही है कि परीक्षायें निकट हैं और जमकर पढ़ाई करना है किन्तु इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप दिन रात पढ़ाई में ही जुटे रहे और अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करें। नींद हजार समस्याओं का निदान है। अतः कम से कम 6 घंटे अवश्य सोयें, ऐसा करने से आपके शरीर में एक नई चेतना, एक नई स्फूर्ति आयेगी, साथ ही दिमाग तरोताजा होगा, इससे आपकी पढ़ाई की क्षमता में और अधिक विकास होगा। अतः ‘नींद’ के समय को बरकरार रखें, नींद में मीठे-मीठे सपने देखें फिर इन सपनों को मूर्तिरूप देने के लिए जमकर पढ़ाई करें तभी आप परीक्षा में हिट हो सकते हैं।
बदलते मौसम में सावधानी बरतें: मौसम बदल रहा है। अतः लापरवाही न करें, अभी भरपूर गर्मी नही है अतः कपड़े पहनने में लापरवाही न करे, क्योंकि इन दिनों में लापरवाही से ही सर्दी, जुकाम, बुखार अपनी पकड़ बना लेता है जो आपके हित में नही है। बदलते मौसम के मिजाज को समझना आवश्यक है।
खान-पान का विशेष ध्यान रखे: इस समय पार्टियो, शादियो, होटल व रेस्टोरेन्ट के खाने से परहेज करें। घर पर बना खाना ही खायें, साथ ही यह भी ध्यान रखें कि खाना सुपाच्य व शीघ्र पचने वाला हो, इन दिनो पूरी-पराठा, छोले-भटूरे, चाट-पकौड़े व मिठाई आदि से भी दोस्ती तोड़ ले, साथ ही जूस व फलो का सेवन अवश्य करें। थोड़ा खायें भले ही दिन में कई बार खायें।
दिनचर्या नियमित करें: स्वास्थ पर दिनचर्या का विशेष प्रभाव पड़ता है जिन लोगो की दिनचर्या अनियमित होती है उनका स्वास्थ ठीक नहीं रहता है। अतः दिनचर्या नियमित करिये। सोने का समय, जगने का समय, नित्यकर्म से निवृत होने का समय, नाश्ते का समय, लंच व डिनर का समय सबकुछ निश्चित करिये और उसका दृढ़तापूर्वक पालन करिये फिर देखिये कैसे आपका स्वास्थ्य फिट होता है और फिर कैसे आप परीक्षा में हिट होते है।
तनाव से बचे: तनाव से शीघ्र ही थकान जाती है अतः तनावमुक्त रहें, मन को बोझिल होने से बचायें, हमेशा प्रफुल्लित व मस्त रहें फिर आप देखेंगे कि किस तरह आपको चैप्टर शीघ्र ही याद हो जाते हैं और गणित की जटिल पहेलियों को चुटकी बजाकर हल कर लेंगे, विज्ञान के फार्मूले हर समय आपकी जबान पर रहेंगे, साहित्यिक भाषा में आप स्वतः ही निपुण हो जायेंगे।
आत्मविश्वास बनाये रखें: हमेशा यह ध्यान में रखें कि परीक्षा की तैयारी सबसे अधिक आपकी ही अच्छी है। आप ही परीक्षा में हिट होंगे व सर्वोच्च स्थान प्राप्त करेंगे। यह आत्मविश्वास ही आपके तन व मन दोनों को स्वस्थ रखेगा और आपको सर्वोच्चता के मुकाम तक ले जायेगा। अतः आत्मविश्वास बनाये रखना अति आवश्यक है। याद रखिये! आत्मविश्वास सफलता की वह कुंजी है जो किस्मत के दरवाजे स्वयं खोल देती है।
रात को देर तक पढ़ाई न करें: देखा गया है कि कुछ छात्र देर रात तक पढ़ते हैं और प्रातः देर से जगते हैं। यह आदत स्वास्थ्य एवं पढ़ाई दोनों के प्रतिकूल है। यदि आप इस गलत आदत के आदी हैं तो इस आदत में तुरन्त सुधार करिये, आज से और अभी से और इसी समय से अन्यथा यह बुरी आदत आपको मनचाही सफलता से वंचित कर सकती हैं। याद रखिये! प्रातः जगने से एक तो शरीर स्वस्थ होता है दूसरे याद करने वाला मैटर या समझने वाला मैटर शीघ्र ही याद हो जाता हैै और शीघ्र ही समझ में आ जाता है। साथ ही प्रातः स्मरण किया हुआ चैप्टर बहुत दिनों तक मन मष्तिष्क में विद्यमान रहता है और उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रातः ब्रहम मुहुर्त में सरस्वती विद्या दान करती है जो छात्र प्रातः जगे हुए होते हैं उनकी झोली विद्या से परिपूर्ण हो जाती है और जो छात्र सोये हुए होते हैं उनकी झोली खाली रह जाती है क्योंकि बीता हुआ समय फिर कभी वापस नहीं आता है।
पढ़ने के आसन का ध्यान रखो: कुछ छात्र या तो लेटकर पढ़ते हैं या सोफे पर पसरकर! पढ़ाई के यह दोनों आसन ही गलत है और इनका स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पढ़ता है। पढ़ाई हमेशा सीधे बैठकर करें और कुर्सी पर बैठकर ही करें, जब थकान अनुभव करें तो किताब बंद कर सीधे बिस्तर पर लेट जायें, दोनों आँखे बंद कर लें फिर आपने जो चैप्टर पढ़ा है उसका मनन करें इससे आपको दो फायदे होंगे एक तो आप द्वारा याद किया हुआ चैप्टर स्थायी याद हो जायेगा दूसरे आपकी थकान शीध्र ही दूर हो जायेगी। जिससे आप तरोताजा होकर पुनः पढ़ाई में जुट जायेंगे।
प्रातः जगकर पानी अवश्य पीयें: जितना चाय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है उतना ही जल ‘मन व तन’ दोनों को निर्मल करता है। प्रातः जलपान करने से छोटी मोटी बीमारी तो खुद ही किनारा कर लेती है। साथ ही प्रातः का जलपान पेट साफ करता है। इससे शरीर निरोग व सुडौल बनता है साथ ही मष्तिष्क तेज होता है।
कुछ समय व्यायाम के लिए अवश्य निकालें: परीक्षा सन्निकट है इसका मतलब यह नहीं है कि आप व्यायाम का निर्धारित समय भी पढ़ाई को भेंट कर दें, यह कदम आपके लिए आत्मघाती कदम होगा। अतः व्यायाम का निर्धारित समय किसी को न दे प्रातः व्यायाम अवश्य करें, व्यायाम आपके शरीर व मष्तिष्क दोनों को बल प्रदान करता है। अतः इस बल को प्राप्त करने के लिए व्यायाम अवश्य करिये तभी आपका स्वास्थ्य फिट रहेगा और आप परीक्षा में हिट होंगे।
छात्र जीवन के पाँचो गुणों का पालन करें: छात्रों में पाँच गुणों का समावेश होना अति आवश्यक है। वह पाँच गुण हैं - पहला - कौए जैसा प्रयास अर्थात प्रत्येक समय अवसर की तलाश में रहना, दूसरा - बगुला जैसा ध्यान अर्थात अपने उद्देश्य पर ही ध्यान केन्द्रित करना, तीसरा - कुत्ते जैसी नींद अर्थात सोते समय भी अपने कर्तव्य पर अडिग रहना, चैथा - अल्पहारी अर्थात कम भोजन करने वाला, पाँचवा - गृहत्यागी अर्थात घर के झंझटों से अपने आपको दूर कर पढ़ाई में ही जुटे रहना। इन पाँच गुणों को संस्कृत में इस प्रकार कहा गया है -
‘काग चेस्टाः, बको ध्यानं्, स्वान निद्राः तथैव च। अल्पहारी, गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणम्।।
यह कुछ ऐसे चन्द सुझाव हैं जो आपको देखने में अवश्य छोटे लग रहे होंगे किन्तु याद रखिये छोटी-छोटी बातें ही बड़े-बड़े परिणाम दिलाती हैं यदि आप बड़ा परिणाम चाहते हैं और परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर हिट होना चाहते हैं तो आप इन छोटी-छोटी बातों पर अमल करिये। इन बातों को अपने जीवन में उतारिये अपने स्वास्थ्य को फिट करिये और परीक्षा में हिट होइये। परीक्षा आपका इन्तजार कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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