झाॅंसी,वेत्रवती तट पर स्थित पावन,प्रसिद्ध और ऐतिहासिक तीर्थ ओरछा में दो दिवसीय बुन्देली बंुदेली भाषा और साहित्य का राष्ट्ीय अधिवेषन नूतन वर्षाभिनन्दन 2015 पर सम्पन्न हुआ।अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस साहित्य सम्मेलन में एक सौ से अधिक बंुदेलखण्ड के 50 जिलों के प्रतिनिधि साहित्कारों ने चार स़त्रों में भागीदारी की। अधिवेषन में सर्वसम्मति से भारत षासन से बुन्देली भाषा को आठवीं अनुसूची में अब तक स्थान नहीं दिये जाने पर तीब्र आक्रोष व्यक्त किया गया। साथ ही राजा राम के प्रसिद्ध तीर्थ ओरछा में,उक्त रेल लाइन पर आने जाने बाली रेलों के स्टोपेज बनाये जाने की माॅंग की गई। इस भव्य साहित्य समारोह में लब्ब्धप्रतिष्ठित कवि कैलाष मड़बैया भोपाल को राष्ट्ीय षाॅंति देवी साहित्य पुरस्कार-2015,‘लाइफ टाइम एचीवमेण्ट’ स्वरुप इन्क्यावन हजार रुपये, अंगवस्त्र,साॅंल,श्री फल और साहित्यादि प्रदान किया गया। पुरस्कार पूर्व सांसद झाॅंसी एवं मध्यदेष के पूर्व सम्पादक विष्वनाथ षर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री प्रदीप जैन आदित्य,ओरछेष मधुकरषाह जू देव दिल्ली और फिल्म अभिनेता राजा बुन्देला के आतिथ्य में प्रदान किया गया। वीरसिंह देव पुरस्कार-15 डाॅं. कामिनी प्राचार्या सेंव़ढ़ा/दतिया को प्रदान किया गया। विविध सत्रों में बंुदेली भाषा के विविध पक्षों पर उ0प्र0और म0प्र0 के बंुदेली विद्वानों द्वारा अपने षोध पत्र प्रस्तुत किये गये। यथा सद्यःप्रकाषित अभूतपूर्व ग्रंथ‘बंुदेली के ललित निबंध’ पर 60 साहित्यकारों ने समीक्षायें प्रस्तुत कर एक नया रिकार्ड बनाया कि किसी एक ग्रंथ को एक साथ इतने विद्वानों ने पढ कर दो माह में अपने आलेख तैयार किये और उस पर अपनी अपनी राय च्यक्त की।दरअसल यह बंुदेली में गद्य साहित्य को समर्थ और सक्षम बनाने की दिषा में एक विषिष्ट उपक्रम था। साथ ही बंुदेली की बोलियों में बटे होने के कारण उसे मानकीकरण करते हुये भाषायी रूवरुप प्रदान करने की दिषा में महत्वपूर्ण चरण था। बंुदेली में समीक्षायें लिखने की भी यह पहल थी। इसी तरह बंुदेली में सात्रा वृतान्त लिखने के लिये नेपाल की हाल ही में की गई यात्रा के माध्यम से षोध आलेख पढ़ कर मंथन किया गया। एक सत्र विलुप्त होती बंुदेली लोक कथाओ पर सम्पन्न किया गया। सर्वसम्मति से नेपाल में हुये अन्तर्राष्ट्ीय सम्मेलन की सफलता पर धन्यवाद ज्ञापन भी किया गया।इस अवसर पर हुये बंुदेली काव्य पर राष्ट्ीय कवि सम्मेलन में सर्वश्री कैलाष मड़बैया भोपाल,आषा पाण्डे ग्वालियर,देवदत्त द्विवेदी छतरपुर, बेंधड़क झाॅंसी, रामस्वरुप दतिया,पथ एवं षिवेन्द्र भिण्ड, स्वदेष सोनी एवं पुरुषोत्तम पस्तोर ललितपुर, राजीव राणा एवं रामगोपाल रायकवार ठीकमगढ,जवाहर द्विवेदी गुना,लखनखरे षिवपुरी,उमेष खरे,हेमा बुखारिया,प्रभा खरे,प्रज्ञा एवं पोषक पृथ्वीपुर,़प्रो.षीलचंद पालीवाल विदिषा,संतोष पटैरिया खजुराहो,रजनीष ओरछा एवं सागर,जबलपुर,मउरानीपुर,जालौन, काल्पी,महोबा आदि आदि जनपदों से आये नये पुराने लगभग 50 कवियों ने रात्रि के अन्तिम पहर तक काव्यपाठ किया।पूरे समय ओरछा नरेष मधुकरषाह और बंुदेलखण्ड के राष्ट्ीय अध्यक्ष डाॅ.कैलाष मड़बैया भोपाल विद्यमान रह, सक्रिय भागीदारी करते रहे। अधिवेषन में सम्पूर्ण बंुदेलखण्ड में नियमित कार्य करते रहने के लिये एक वार्षिक आयोजना कलेंण्डर2015 भी लोकार्पित कर ,सभी जिला प्रतिनिधियों को प्रदान किया गया। समारोह में श्री रामस्वरुप स्वरुप दतिया की काव्यकृति और षिरोमणिसिंह पथ भिण्इ के बंुदेली कथा संग्रह अरगनी का लोकार्पण भी मूर्धन्य साहित्यकार कैलाष मड़बैया जी एवं अन्य अतिथियों द्वारा किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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