भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं से अफसरों की लापरवाही पर जबर्दश्त खिचाई की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने सपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्य सचिव महोदय की समीक्षा में सरकार की प्राथमिकताओं की धरातल पर सच्चाई की धज्जियंा उड़ गई । प्रदेश के तथाकथित विकास कार्यक्रमों की निगरानी और स्थलीय निरीक्षण में शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों का दिलचस्पी न लेना सपा सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था के मुॅह पर जोरदार तमाचा है। प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के 62 नामित नोडल अफसरों से स्पष्टीकरण माॅंगने का तात्पर्य यह है कि पूरी की पूरी शासन-प्रशासन की व्यवस्था मनमर्जी , अराजकता और निरकुंशता की शिकार है।
प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्य सचिव को तो देर में इस सच्चाई की जानकारी हुई हैं जबकि पूरे प्रदेश में जनता पहले से ही प्रदेश की नौकरशाही के निरकुश रवैये के कारण त्रस्त और कुष्ठाग्रस्त है। प्रदेश की सपा सरकार का प्रदेश की नौकरशाही पर कोई नियत्रंण नही है। समीक्षा, सत्यापन और निरीक्षण की बात तो दूर प्रदेश पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जनता के दुखदर्द को सुनते तक नही है। अधिकारी आम जनता द्वारा महीनों चक्कर लगाने के बाद समस्यओं को समाधान में रूचि नही दिखाते। शासन-प्रशासन के निरकुंश और पंगु होने की जानकारी प्रशासन के मुखिया को बहुत देर से मिली।
डाॅ0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सरकार की नीतिगत अपगंता के कारण प्रदेश में न तो पुलिस और न ही प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त है बल्कि निरकुंश है। प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के ढाई साल के शासन में 6 डीजीपी बने उनमें से कई का कार्यकाल मात्र एक या दो महीने रहा। प्रशासनिक अधिकारियों को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। सरकार इसी नीतिगत अपंगता के कारण 31 दिसम्बर तक अपने वजट का लगभग 3/4 हिस्सा तक खर्च नहीं कर पायी।
डाॅ0 मिश्र ने सपा सरकार से मांग की कि सरकार प्रदेश के हित में तत्काल पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को चाक चैबन्द करें। निरकुंशता पर नियंत्रण करें तथा न्यायप्रिय एवं पारदर्शी शासन व्यवस्था लागू करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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