उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज किसान सशक्तिकरण अभियान का विधिवत उद्घाटन कृषि प्रेक्षागृह में किया। कार्यक्रम का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, लखनऊ, ग्राम्य विकास विभाग, उत्तर प्रदेश तथा राजयोग एजूकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, समग्र ग्राम्य विकास एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन, श्री रजनीश दुबे, निदेशक, कृषि, श्री ए0के0 विश्नोई सहित बड़ी संख्या में किसान व ब्रह्माकुमारी संगठन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत के किसानों में काम करने की क्षमता को हम सामने नहीं ला पाये हैं। वर्ष 1965 में पाकिस्तान से युद्ध के समय पूर्व प्रधानमंत्री, स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने खाद्यान्न की कमी को देखते हुए जनता का आह्वान किया था कि सप्ताह में एक दिन उपवास किया जाये और जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। उनकी अपील का यह अवसर हुआ कि आज देश सीमित कृषि योग्य भूमि मंे खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होकर निर्यात भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान का लाभ किसान तक पहुंचेगा तभी किसान सशक्तिकरण का अभियान सफल हो सकता है।
श्री नाईक ने कहा कि देश में समृद्धि तब आयेगी जब किसान की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। व्यवसायिक खेती भी अच्छी आर्थिक लाभ का स्रोत हो सकता है। किसान को उपज का अच्छा लाभ मिलना चाहिये जबकि उपज का भाव व्यापारी तय करते हैं। उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद के असंन्तुलित उपयोग से खेत की उवर्रकता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि कृषि में विज्ञान का उपयोग यह समझते हुए करने की आवयश्यकता है कि कौन सा विज्ञान हमारे देश के अनुरूप है।
प्रमुख सचिव, श्री रजनीश दुबे ने कहा कि किसानों को स्वयं को समझते हुए सशक्त बनाना होगा। सरकारी योजनाओं में सामूहिक प्रयास से गाॅंव आगे बढे़गा। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाएं जैसे टीकाकरण, शौचालय निर्माण, पाइप पेयजल योजना, स्वच्छता अभियान आदि से गांव एवं किसानों में परिवर्तन लाया जा सकता है।
इस अवसर पर अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें। राज्यपाल ने इस अवसर पर झण्डी दिखाकर किसान सशक्तीकरण अभियान के वाहन को रवाना किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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