भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा उद्योगों के लिए महौल बनाने की कवायद केवल एक दिखावेबाजी से कम नहीं है। बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 200 करोड़ रुपए की कम लागत से स्थापित की जाने वाली मेगा औद्योगिक इकाईयों के विस्तार और औद्योगिकीकरण के लिए रियायत की घोषणा केवल यह छलावा ही साबित होंगी।
पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उद्योगों के लिए बिजली है नहीं। उद्यमियों, व्यवसायियों की दिन दहाड़े हत्या हो रही है। इस कारण उद्योगों से जुड़े लोग बेहद भयभीत हैं। इस कारण या तो ये अपना व्यवसाय छोड़ रहे हैं या फिर दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि लगातार उद्योगों की संख्या में कमी आ रही है। देश के मैनचेस्टर के रूप में प्रसिद्ध रहे कानपुर में उद्यमियों और व्यापारियों की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है। साल भर पहले कानपुर में 41 हजार फर्में पंजीकृत थी। जो अब घटकर 35 हजार पर पहुंच गई हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल में एक भी बड़े उद्योग अभी तक काम करना शुरू नहीं हुआ है जबकि बड़ी तादात में उद्योग बंद होते जा रहे हैं। इन्हीं बंद हो रहे उद्योगों की जमीनों पर सपा सरकार के समर्थक भूमाफियाओं की नजर भी गड़ गई है। भू माफिया और सपा सरकार का गठजोड़ ही बंद उद्योगों की जमीनों को हथियाने के लिए तरह-तरह के तिकड़म लगा रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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