उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने बलिया की रसड़ा विधान सभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक, श्री उमाशंकर सिंह तथा महाराजगंज की फरेन्दा विधान सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक, श्री बजरंग बहादुर सिंह की राज्य की वर्तमान विधान सभा की सदस्यता को समाप्त करने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा विधान सभा का सामान्य निर्वाचन मार्च, 2012 में सम्पन्न हुआ था और निर्वाचन आयोग द्वारा चुने गए विधायकों को 6 मार्च, 2012 को निर्वाचित घोषित किया गया था। श्री उमाशंकर सिंह वर्ष 2009 से सरकार से ठेके लेकर सड़क निर्माण का कार्य करते आ रहे थे जबकि श्री बजरंग बहादुर सिंह ने विधायक निर्वाचित होने के बाद सड़क निर्माण का ठेका लोक निर्माण विभाग से 15 अक्टूबर, 2012 को लिया था। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने श्री उमाशंकर सिंह की विधायक निर्वाचित होने की तिथि 6 मार्च, 2012 से और श्री बजरंग बहादुर सिंह को ठेका लेने की तिथि 15 अक्टूबर, 2012 से विधान सभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है।
श्री नाईक ने अपने आदेश की प्रति भारत निर्वाचन आयोग, नयी दिल्ली, अध्यक्ष, विधान सभा उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश श्री अखिलेश यादव को भेजते हुए मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन को सदस्यता समाप्ति के आदेश को राजकीय गजट में अविलम्ब प्रकाशित कराये जाने के लिए भी निर्देशित किया है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन0के0 मेहरोत्रा ने सरकारी कन्टैªक्ट लेने के आरोप में विधायक, श्री उमाशंकर सिंह तथा विधायक, श्री बजरंग बहादुर सिंह को दोषी पाते हुये मुख्यमंत्री को अपनी जाँच रिपोर्ट प्रेषित की थी जिसे मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को भेज दिया था। राज्यपाल ने प्रकरण भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के अभिमत के लिये संदर्भित कर दिया था। भारत निर्वाचन आयोग से दिनांक 3 जनवरी, 2015 को अभिमत मिलने के बाद दोनों विधायकों ने राज्यपाल के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये समय दिये जाने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार करते हुये राज्यपाल ने दोनों विधायकों से दिनांक 16 जनवरी, 2015 को अलग-अलग भेंट कर उनका पक्ष सुना था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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