Categorized | लखनऊ.

भारत की 41 प्रतिषत युवा इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं को हिंसा स्वीकारने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है: युवा नागरिक मीटर निश्कर्श - सीएमसीए की युवा नागरिक मीटर ने युवा भारत की प्रजातांत्रिक नागरिकता भागफल का अध्ययन किया है

Posted on 27 January 2015 by admin

लिंग समानता के स्कोर, सीएमसीए की युवा नागरिक मीटर की एक प्रजातांत्रिक नागरिकता अध्ययन के कार्यक्षेत्र में से एक के द्वारा षहरी भारत में तकरीबन 11 षहरों में युवा जनसंख्या के बीच लिंग पक्षपाती व्यवहार के प्रचलन और नकारात्मक रूढिवादिता के विस्तार का पता चलता है। निश्कर्श के अनुसार 39 प्रतिषत लडकियां और 43 प्रतिषत लडके इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं को एक निष्चित सीमा तक हिंसा सहने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है, वहीं 55 प्रतिषत युवा इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं का पहनावा और विभिन्न तरीकों में उनका व्यवहार पुरूशों के लिए हिंसा भडकानें की गतिविधियों को बढावा देते हैं। अध्ययन में प्रजातांत्रिक और सामाजिक विविधता की ओर चुनौतीपूर्ण नकारात्मक स्थितियों का भी पता चला है, जैसे कि उदाहरण के लिए 67 प्रतिषत कालेज के विद्यार्थी ने ’’सहमति जताई’’ कि भारत में पूरे देष पर षासन के लिए केंद्रीय स्तर पर केवल एक सषक्त राजनीतिक पार्टी होनी चाहिए और वहीं 50 प्रतिषत युवाओं ने अन्य राज्यों से आए हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए अनुदारता जताया है। युवा नागरिक मीटर, अपने आप में पहला ऐसा अध्ययन है जो भारतीय युवाओं के बीच प्रजातांत्रिक नागरिकता के स्तर की एक आधार रेखा का निर्माण करता है और उसे मैप करता है। इसकी षुरूआत 66वें भारतीय गणतंत्र दिवस से पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में की गई थी, वह दिन जब भारतीय संविधान लागू कार्यांवित किया गया था।
युवा नागरिक मीटर हमें न केवल यह बताता है कि भारतीय युवा प्रजातंत्र का वास्तविक अर्थ जानता है और समझता है, बल्कि वह मूल्यों और व्यवहार को भी अपने पास रखता है। अधिकार एवं जिम्मेदारियां, प्रजातांत्रिक नियमन, नागरिक नियमों का अनुपालन, लिंग समानता, विविधता एवं सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण आदि। अध्ययन 330 उच्च विद्यालयों के 6168 विद्यार्थियों और 757 समाज विज्ञान के अध्यापकों और 11 राज्यों की राजधानियों सहित 6 मैट्रो षहर (दिल्ली, बैंगलोर, अहमदाबाद, चेन्नई, मुंबई और कोलकाता) तथा 5 नाॅन मैट्रो षहरों (भोपाल, जयपुर, लखनऊ, पटना और गुवाहाटी) के 220 काॅलेज से 4374 विद्यार्थियों के बीच किया गया था। अब तक के पहले युवा नागरिक मीटर के लिए फील्ड रिसर्च को सामाजिक अनुसंधान संस्थान, आईएमआरबी अंतर्राश्ट्रीय द्वारा पूर्ण किया गया।
इस अवसर पर बात करते हुए, डाॅ0 मंजूनाथ सदाषिव (डायरेक्टर) ने कहा कि, ’’रिपोर्ट के निश्कर्श यह दर्षाते हैं कि सख्त लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ पर युवा भारत के निराषाजनक प्रदर्षन के कारण भारत की युवा आबादी के बीच नागरिकता मूल्यों और व्यवहार को जगाने की जरूरत है। नागरिक षिक्षा युवाओं की उन्नति और देष के पूर्णतः विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे इनके एकीकृत भाग हैं, हालांकि, हमारी षिक्षा प्रणाली ने इसे दरकिनार किया हुआ है।’’
युवा नागरिक मीटर के अनुसार, युवा भारत की पूर्णतः प्रजातांत्रिक नागरिकता लगभग 21 प्रतिषत है। रिपोर्ट अपने औसतन स्कोर में मैट्रो षहरों की तुलना में नाॅन मैट्रो षहरों को अधिक बेहतर दर्षाता है। प्रजातांत्रिक नागरिक के मूल कार्यक्षेत्र पर स्कोर्स के साथ, अध्ययन स्कूल और काॅलेज में एक विषिश्ट सकारात्मक प्रभाव के सकारात्मक अनुभव को भी उजागर करता है, वहीं राजनीतिक पार्टियों से संबंध, प्रजातांत्रिक नागरिकता के सुधार में एक मजबूत नकारात्मक प्रभाव दर्षाता है।
उन्होंने आगे बताया कि, ’’केवल उन विशय का अध्ययन और समझ कर, जहां प्रजातांत्रिक नागरिकता पर भारतीयों की पहुंच है और उन्हें कौन से कारक प्रभावित करते हैं, एक समाज के रूप में हम उसे विकसित और सुधार करने वाले मानकों पर विचार कर सकते हैं। इस अध्ययन का उद्देष्य भारत में नागरिक षिक्षण नीति एवं प्रयासों को सुधारना और पुनर्जीवित करना है।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in