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साहित्य परिषद द्वारा आतंकवाद एक वैश्विक कलंक विषय पर संगोष्ठी आयोजित -आतंकवाद से दुनिया का कोई भी देश सुरक्षित नहीं- हृदय नारायण दीक्षित

Posted on 27 January 2015 by admin

अखिल भारतीय साहित्य परिषद लखनऊ इकाई के तत्वावधान में रविवार को हिन्दी संस्थान में आतंकवाद एक वैश्विक कलंक विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भाजपा विधान परिषद दल के नेता हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि आतंकवाद आज एक वैश्विक संकट बन चुका है। इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद से दुनिया का कोई भी भूभाग सुरक्षित नहीं है। जो देश इस तरह की विचारधारा का पोषक है पाकिस्तान वह भी आतंकवाद से पीडि़त है लेकिन यह हमारे लिए खुशी का विषय नहीं है।
दीक्षित ने कहा कि दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका और इंग्लैण्ड अभी तक मानते थे कि आतंकवाद कुछ देशों की समस्या है लेकिन आज उनके लिए भी आतंकवाद खतरा है। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाद तीसरे विश्वयुद्ध के रूप में हम सबके सामने है। आतंकवादी आज अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग कर रहे हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री शिक्षाविद रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि आतंकवाद एक आदत है। इसके लिए एक खास तरह की विचारधारा और कुरान की आयतें जिम्मेदार हैं। जितने भी आक्रान्ता देश में आये उन सभी पर कुरान की आयतों का स्पष्ट प्रभाव झलकता है। इस्लाम की विचारधारा दारूल हरब को दारूल इस्लाम में तब्दील करने के लिए प्रयत्नशील है।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने कहा कि आतंकवाद के केन्द्र में राजनीति है। आतंकवादियों के आकाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। आतंकवाद से आज चीन व अमेरिका भी परेशान है लेकिन वह नहीं चाहता कि आतंकवाद रूके। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पास वक्त है कि जेहाद के खिलाफ उठ खडे़ हों।
राष्ट्रधर्म पत्रिका के प्रबन्ध संपादक व साहित्य परिषद के प्रदेश महामंत्री पवन पुत्र बादल ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आतंकवाद को हम साम्प्रदायिक चश्मे से नहीं देखते लेकिन आतंकवाद का पोषण करने वाली विचारधारा एक है। इसके निराकरण के लिए ठोस पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद में खून कहीं का बहेगा लेकिन वह खून मानव का ही होगा। आतंकवाद का स्वरूप कोई भी हो लेकिन वह कलंक है।
अजय दत्त शर्मा ने कहा कि जब तक एक पैगम्बर एक पुस्तक रहेगी तब तक आतंकवाद दुनिया से खत्म नहीं हो सकता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य परिषद के डा. सुशील चन्द्र त्रिवेदी व संचालन इं सुनील बाजपेई ने किया।
इस अवसर पर डा. मंजू शुक्ला,कृष्णानन्द राय, प्रांतीय महामंत्री उमेश कुमार, विजय कुमार,दिलीप श्रीवास्तव और अभिषेक प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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