उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज अशासकीय प्रधानाचार्य परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित शिक्षाविद् सम्मान समारोह में शिक्षकों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानाचार्य का पद सम्मानजनक पद है। युवा पीढ़ी एवं भावी पीढ़ी को तैयार करने का काम शिक्षकों द्वारा किया जाता है। सही मार्ग दर्शन कर जीवन के विकास के लिये प्रेरित करना शिक्षकों का प्राथमिक कर्तव्य है। शिक्षा पद्धति एवं गुणवत्ता में सुधार लाने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने अधिकार के साथ अपने कर्तव्य का भी ध्यान रखें।
श्री नाईक ने कहा कि आज के युग में गुरू-शिष्य परम्परा के संबंध में बदलाव आया है। शिक्षक विद्यार्थियों के हित का ध्यान रखें। चिन्ता की बात है कि बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। इसलिये शिक्षा व्यवस्था को रोचक बनाये जाने की आवश्यकता है। नयी टेक्नोलाॅजी के बदलाव का सही उपयोग करें। टेक्नोलाॅजी को आत्मसात करके ऐसे विद्यार्थी तैयार करें जो जीवन की स्पर्धा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षक जानकारी को ज्ञान में परिवर्तन करें।
राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रधानाचार्यों को आश्वासन दिया कि यदि उनकी कोई न्यायोचित मांग होगी तो वे उनका सहयोग करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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