उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 118वें जन्मदिवस पर शहीद स्मृति समारोह समिति के तत्वावधान में लखनऊ के सुभाष चैराहे पर आयोजित समारोह में नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण किया तथा उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी अद्धाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर भातखण्डे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कदम-कदम बढ़ाये जा और देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किये। समारोह में बालिका विद्यालय कन्या इण्टर कालेज तथा बाबा ठाकुर राघव दास इण्टर कालेज के विद्यार्थी भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने पी0ए0सी0 बैण्ड के सदस्यों तथा गीत प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्राओं को पदक देकर सम्मानित किया। समारोह में लखनऊ के महापौर, डाॅ0 दिनेश शर्मा, भातखण्डे संगीत सम-विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो0 श्रुति सडोलकर, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 एस0बी0 निम्से, श्री सुधीर हलवासिया, डा0 बैजनाथ सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने देश की आजादी में अपने योगदान की अमिट छाप छोड़ी है। वे चाहते थे कि सशस्त्र सेना के आधार पर आजादी मिले। देश में जब अंग्रेजों का दुशासन चल रहा था तो उन्होंने आजाद हिन्द फौज बनायी और उसमें महिलाओं को भी भागीदार बनाया। नेताजी ने आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी अंग्रेजों की सेवा करने से इन्कार कर दिया। नेताजी के शब्दों में जान थी और उन्होंने नारा दिया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। नेताजी के मन के विश्वास के कारण लोग देश के लिये मरने को तैयार हुए। उन्होंने कहा कि जिन शहीदों ने देश की आजादी के लिये त्याग व बलिदान दिया उनके आदर्शों पर चलना हमारा कर्तव्य है।
श्री नाईक ने कहा कि हमारे महान नेताओं के शब्दों में जान थी। महात्मा गांधी ने क्विट इण्डिया का नारा दिया। भगत सिंह ने वन्दे मातरम, पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान तथा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान का नारा दिया। अंग्रेजों का मानना था कि भारत आजाद होकर विकास नहीं कर सकता मगर आज हमारा देश का जनतंत्र मजबूत है। उन्होंने कहा कि हमें स्वतंत्र देश के नागरिक होने के नाते स्वराज को सुराज में बदलने का संकल्प करना चाहिए यही हमारे महान नेताओं के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।।
इस कार्यक्रम के पश्चात राज्यपाल ने गांधी भवन में नेताजी के जन्म दिवस के अवसर पर कल्याणं करोति संस्था, लखनऊ द्वारा आयोजित निःशुल्क विकलांग सेवा शिविर में सहायक उपकरण वितरित किये। इस अवसर पर लखनऊ के महापौर डाॅ0 दिनेश शर्मा, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, डाॅ0 रामशंकर कठेरिया, डाॅ0 वी0बी0 प्रताप, अध्यक्ष, कल्याणं करोति सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन करते हुए कहा कि नेताजी ने जापान और जर्मनी से सम्पर्क करके अंग्रेजों का विरोध किया। नेताजी ने दूसरे सशस्त्र आजादी के संग्राम की शुरूआत की। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता से महिलाओं को भी आजाद हिन्द फौज में जोड़ा। जिन्होंने देश को सब कुछ दिया उनके लिये समाज कुछ करें यह सोचना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरूषों के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है।
श्री नाईक ने कल्याणं करोति संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था ने बिना किसी सरकारी सहायता के निःशक्तों को सहायक उपकरण वितरित किये जो महत्व का काम है। कल्याणं करोति ने अपने कृत्य से यह प्रमाणित किया है कि स्वयंसेवी संस्थायें भी अच्छा काम कर सकती हैं। नेताजी के ऐतिहासिक जन्म दिवस पर निःशक्तों की सहायता करना वास्तव में अभिनन्दनीय कार्य है।
महापौर, डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस गांधी जी के प्रति बहुत आदर रखते थे। भारत का इतिहास वास्तव में संघर्ष का इतिहास रहा है। उन्होंने कल्याणं करोति की सराहना करते हुए कहा कि समाज सेवा करने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के निकट होता है।
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, डाॅ0 रामशंकर कठेरिया ने कहा कि सहयोग की परम्परा का सामाजिक जीवन में महत्व होता है। मनुष्य सेवा से बढ़कर दूसरी कोई सेवा नहीं है। जिन्हें सहारे की जरूरत है उनकी सेवा करना वास्तव में प्रशंसनीय कार्य है। हमारा देश साधना और उपासना का देश है। उन्होंने कहा कि साधन को साधना से जोड़े।
इस अवसर पर राज्यपाल ने निःशक्तों को ट्राईसाईकिल व सिलाई मशीन वितरित किये। कार्यक्रम में लगभग 272 लोगों को सहायक उपकरण वितरित किये गये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com