उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उन्हें आवंटित जनपद में निर्धारित अवधि में विकास कार्यों का निरीक्षण करने हेतु नियमित रूप से जाना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाय कि वरिष्ठ अधिकारी विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ-साथ आम नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक निर्देश दें तथा विकास कार्यों की प्रगति के बारे में फीडबैक अवश्य प्राप्त करें। उन्होंने यह जानकारी प्राप्त होने पर नाराजगी व्यक्त की कि मण्डलायुक्त स्वयं विकास कार्यों का निरीक्षण न कर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को नामित कर निरीक्षण कार्यवाही पूर्ण कराते हैं, जो उचित नहीं है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण के संदर्भ में बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में 05 खण्डों में अवश्य देने के साथ-साथ वेबसाइट पर भी अपलोड करानी होगी। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित नोडल अधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट पर आगामी 20 दिन के अन्दर सम्बन्धित जिलाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही अपने स्तर पर सुनिश्चित कराकर आख्या देनी होगी।
श्री रंजन ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे निरीक्षण आख्या वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु प्राप्त पासवर्ड को स्थानान्तरण होने अथवा अन्य कारणों से आवंटित जनपद बदले जाने की स्थिति में अपने प्रतिस्थानी को अवश्य उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाय कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आवंटित जनपदों में विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने हेतु फील्ड में ही जाकर निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन डा0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव नियोजन श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव आवास श्री सदाकान्त, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री के0एस0 अटोरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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