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भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश सरकार के विरोध में आन्दोलन छेड़ने की बात को हास्यास्पद बताया है।

Posted on 21 January 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस द्वारा प्रदेश सरकार के विरोध में आन्दोलन छेड़ने की बात को हास्यास्पद बताया है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि कदम-कमद पर एक दूसरे के सहयोगी की भूमिका में नजर आने वाली सपा-कांग्रेस एक ओर विधान परिषद के चुनावों में सपा के समाने समर्पण की मुद्दा मंे है, तो दूसरी ओर अखिलेश सरकार के विरूद्ध उठ रहे जनाक्रोश से भयभीत, उसके खिलाफ आन्दोलन छेड़ने की बात करती है।
पार्टी मुख्यालय पर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री के बयान की कांग्रेस दोनो सरकारों के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों को न जीतने देने के बहाने, एक दूसरे को सर्मथन देते ये दल किसे वरगला रहे है। चाहे कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी हो या फिर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनो को लोकसभा में पहुचने में मददगार रही हैं समाजवादी पार्टी। विकास से लेकर कानून व्यवस्था तक के मोर्चे पर फेल होती अखिलेश सरकार की जनविरोधी नितियों की आलोचना और मौके पर सरकार का सर्मथन कर नूरा कुश्ती का खेल खेलने में जुटी है कांग्रेस पार्टी।
उन्हांेने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के लोकहित में लिए जा रहे फैसलों से कांग्र्रेस नेतृत्व परेशान है इसलिए केन्द्र सरकार के महंगाई कम करने वाले फैसले भी उसे दिखाई नहीं देते आखिर लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आने से प्रभावित तो जनमानस ही हो रहा है पर कांग्रेस जिस प्रदेश सरकार के पक्ष में खड़ी है वहां तो सर्वाधिक पेट्रोल और डीजल पर टैक्स है। खुद समाजवादी पार्टी अपने घोषणापत्र में वैट की दरों को पड़ोसी राज्यों के समान किये जाने का वादा किया पर हालात ये है कि जहां दिल्ली में पेट्रोल पर टैक्स और सेंस जहां 20.00 प्रतिशत है वहीं हरियाणा में 20.05 प्रतिशत है, उत्तराखण्ड में 23.25 प्रतिशत है जबकि उ0प्र0 में 26.80 प्रतिशत है इस प्रकार डीजल पर दिल्ली में 12.50 प्रतिशत, हरियाणा में 12.25 प्रतिशत, पंजाब में 12 प्रतिशत जबकि उ0प्र0 में 17.48 प्रतिशत है।
श्री पाठक ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत की शुरूआत लोकसभा चुनाव से शुरू हुई वो लगातार जारी है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र के कारण चुनौती है कांग्रेस को अस्तित्व बचाने की। यही कारण है कि 28 विधायकों का दल होने के बावजूद कांग्रेस हिम्मत नहीं कर पाई की वो विधान परिषद में अपना प्रत्याशी तक खड़ा कर सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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