उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रमुख सचिव आबकारी एवं प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिये हैं कि मिलावटी शराब की बिक्री में लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि मिलावटी शराब की बिक्री को रोकने के लिए प्रदेश में एक सघन जांच अभियान चलाकर इसमें लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने सख्त लहजों में अधिकारियों को निर्देश दिये कि भविष्य में किसी भी क्षेत्र में अवैध एवं मिलावटी शराब की बिक्री पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज अपने कार्यालय कक्ष में संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि अवैध मद्य निष्कर्षण एवं बिक्री पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए एसडीएम के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी एवं आबकारी अधिकारियों की संयुक्त टीमें गठित कर ऐसे लोगों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही किया जाय जो अवैध शराब एवं निष्कर्षण के कार्यों में विधि विरूद्ध रूप से संलिप्त हों। उन्होंने कहा कि अभियान में छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई जाय।
श्री रंजन ने कहा कि आबकारी तथा पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाकर प्रदेश के अन्दर अवैध मदिरा के अड्डों तथा अवैध चल रही भट्टियों की सूची तैयार करायी जाय ताकि ऐसे स्थलों एवं संलिप्त व्यक्तियों पर सतर्क दृष्टि रखकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सके। उन्होंने कहा कि अवैध मद्य निष्कर्षण एवं बिक्री के अपराध में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष लिप्त पाये जाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध साक्ष्य संकलित कर गिरोह बन्द अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही किया जाय तथा उससे अर्जित चल एवं अचल सम्पत्ति की कुर्की की कार्यवाही भी इस अधिनियम के अन्तर्गत कराई जाय। उन्होंने कहा कि अवैध मदिरा के निष्कर्षण एवं तस्करी के मामलों में कैरियर वाहनों के अलावा इस प्रकार की घटनाओं को संचालित करने वाले संगठित गिरोहों/माफियाओं का चिन्हांकन करते हुए उनके विरूद्ध व्यापक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा ऐसी घटनाओं में लिप्त लोगों के नम्बर सर्विलांस पर लेने पर भी विचार किया जाय ताकि निरन्तर अनुश्रवण के माध्यम से उनके विरूद्ध आर्थिक एवं संगठित अपराध सिद्ध करने में सुविधा रहे। उन्होंने कहा कि तस्करी/अवैध मदिरा के बिक्री के उन्मूलन एवं नियन्त्रण हेतु जनपद स्तर पर पुलिस लाइन से विशेष सशस्त्र पुलिस टीम का गठन किया जाय जो आबकारी विभाग की टीम को सहयोग करने के साथ अपने स्तर से भी संदिग्ध स्थानों/व्यक्तियों पर निगरानी रखते हुए कठोर कार्यवाही कर सकंे। उन्होंने कहा कि मदिरा के अवैध व्यापार अथवा तस्करी में पकड़े गये संदिग्ध व्यक्तियों को सरकारी ठेके आदि के लिए कोई चरित्र प्रमाण पत्र अथवा सस्त्र अनुज्ञापन निर्गत किये गये हों तो उनके निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि श्री रजन ने कहा कि हरियाणा से उत्तर प्रदेश आने वाले मार्गों पर विशेष सतर्कता बरती जाय तथा चेकिंग के दौरान यदि अरूणांचल प्रदेश के लिए मदिरा का कोई वाहन संज्ञान में आता है तो उसकी तलाशी अवश्य लिया जाय। हरियाणा राज्य से तस्करी को निष्प्रभावी करने हेतु हरियाणा एवं दिल्ली से उत्तर प्रदेश में तस्करी के प्रमुख गेटवे जनपदों जैसे सहारनपुर, शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, आगरा, मथुरा एवं अलीगढ जनपदों के आने जाने वाले रास्तों पर विशेष नजर रखी जाये, जिससे अवैध शराब के प्रदेश में प्रवेश पर प्रभावी रोक लगायी जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध शराब व जहरीली शराब के प्रकरणों में पंजीकृत अभियोगों में संबंधित द्वारा प्रभावी पैरवी एवं उनकी विवेचना पूर्ण कराकर आरोप पत्र न्यायालय में शीघ्र प्रेषित कराना सुनिश्चित किया जाय। उन्होने कहा कि अभिसूचना संकलन हेतु बीट कान्सटेबिल के अतिरिक्त अन्य सरकारी कर्मियों जैसे-लेखपाल, ए.एन.एम, ग्राम प्रधान, आॅगनबाडी कार्यकत्र्री इत्यादि को भी प्रोत्साहित किया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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