सिटी मोन्टेसरी स्कूल के क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन डिपार्टमेन्ट के तत्वावधान में चार दिवसीय ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी प्रधानाचार्य सम्मेलन (आई.सी.पी.पी.पी.-2015)’’ आगामी 31 जनवरी से 3 फरवरी तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिभाग हेतु यूनाइटेड किंगडम, रूस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, नेपाल, माॅरीशस, मलेशिया एवं भारत के विभिन्न राज्यों के 88 ख्यातिप्राप्त विद्यालयों के 500 से अधिक शिक्षाविद्, प्रधानाचार्य व शिक्षक लखनऊ पधार रहे हैं। उक्त जानकारी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सी.एम.एस. क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन डिपार्टमेन्ट की हेड एवं आई.सी.पी.पी.पी.-2015 की संयोजिका सुश्री सुस्मिता बासु ने दी। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए सुश्री बासु ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य प्री-प्राइमरी व प्राइमरी स्तर की शिक्षा पद्धति में क्रान्तिकारी बदलाव लाना है तथापि नवीन, अनुपम एवं सही शिक्षण पद्धति द्वारा प्री-प्राइमरी व प्राइमरी के नन्हें-मुन्हें बच्चों का विभिन्न स्तरों पर भावनात्मक एवं बौद्धिक विकास करना है। सुश्री बासु ने बताया कि इस सम्मेलन के अन्तर्गत विभिन्न देशों के शिक्षाविद् एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्री-प्राइमरी व प्राइमरी के नन्हें-मुन्हें छात्रों के लिए आधुनिक शैक्षिक तकनीकों, शैक्षिक उपकरणों एवं टीचिंग मेथड्स आदि विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘अध्ययन क्वालिटी सर्किल’ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है जो कि शिक्षा जगत में क्वालिटी की भावना को बढ़ावा देने वाली सुविख्यात संस्था है।
प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए सुश्री बासु ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल बच्चों के समग्र विकास में विश्वास रखता है। सी.एम.एस. का मानना है कि प्री-प्राइमरी व प्राइमरी कक्षाएं बच्चों के जीवन का सर्वाधिक संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण पड़ाव है जहाँ उनमें जीवन के प्रति एक नई दृष्टि व सोच विकसित होती है एवं यही वह समय है जब बच्चों के मन-मस्तिस्क में एकता, भाईचारा व ईश्वरीय गुणों को समावेशित किया जा सकता है। ऐसे में प्री-प्राइमरी व प्राइमरी प्रधानाचार्याओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है जो अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ विभिन्न शैक्षिक तकनीकों पर चर्चा-परिचर्चा कर उन्हें एक सकारात्मक वातावरण बनाने को प्रेरित कर सकते हैं एवं शैक्षिक पद्धति को उच्चतम स्तर पर ले जा सकते हैं। सुश्री बासु ने कहा कि दरअसल यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन प्रत्येक बच्चे को ‘विश्व का प्रकाश’ बनाने का अनूठा प्रयास है जहाँ इस बात पर जोर दिया जायेगा कि छात्रों को समाज से जोड़ा जाए और उनमें मानवता की सेवा की भावना डाली जाए।
सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सुश्री बासु ने बताया कि यह सम्मेलन सी.एम.एस. शिक्षा पद्धति के चार स्तम्भों यथा ‘यूनिवर्सल वैल्यूज (सार्वभौमिक जीवन मूल्य)’, ‘ग्लोबल अण्डरस्टैंडिंग (वैश्विक दृष्टिकोण)’, ‘एक्सीलेन्स इन आॅल थिंग्स (सभी विषयों में उत्कृष्टता)’ एवं ‘सर्विस टु ह्यूमैनिटी (मानवता की सेवा)’ पर आधारित है। इस चार दिवसीय सम्मेलन में प्री-प्राइमरी व प्राइमरी के नन्हें-मुन्हें बच्चों के लिए नवीन शैक्षिक तकनीकों के आदान-प्रदान एवं नवीन शैक्षिक उपकरणों एवं टीचिंग मेथड्स पर विस्तृत चर्चा होगी। इसके अलावा केस स्टडी प्रजेन्टेशन, पेपर प्रजेन्टेशन एवं टीचिंग एड्स के प्रदर्शन द्वारा इस सम्मेलन को और अधिक सारगर्भित व उपयोगी बनाने का प्रयास किया जायेगा। इसके अलावा, प्री-प्राइमरी तथा प्राइमरी शिक्षकों के लिए शिक्षण पद्धति तथा शिक्षा को रूचिकर तथा प्रभावी बनाने हेतु शैक्षिक वर्कशाप एवं विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया जायेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस सम्मेलन में केवल विचारों का आदान-प्रदान ही नहीं होगा, अपितु यह सम्पूर्ण शिक्षण प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगा।
सुश्री बासु ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद् अपने सारगर्भित विचारों एवं पेपर प्रजेन्टेशन के माध्यम से शिक्षा पद्धति के नवीन आयाम खोलेंगे। इन ख्यातिप्राप्त हस्तियों में इंग्लैण्ड के रेड ओक्स प्राइमरी स्कूल से पधार रही सुश्री टेरी मेनहैम ‘इम्पार्टेन्स आॅफ डिस्प्लेस एण्ड देयर यूज इन टीचिंग लर्निग प्रोसेस’ पर अपना प्रजेन्टेशन देंगी तो वहीं दूसरी ओर गणित विशेषज्ञ श्री ई.के. शाजी ‘आॅव एण्ड वण्डर आॅफ मैथमेटिक्स’ प्रजेन्टेशन द्वारा गणित को छात्रों के लिए रुचिपूर्ण बनाने के गुर बतायेंगे। इसी प्रकार लेखक व शिक्षक श्री चिंतन मोदी ‘द आर्ट आॅफ कम्युनिकेशन एण्ड इन्फ्लुएन्सिंग/काॅन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन इन द क्लासरूम’ विषय पर, एन.वी.सी. इण्डिया, पुणे से पधार रहे श्री अनिरुद्ध गदनकुश ‘नाॅन-वायलेन्ट कम्युनिकेशन’ विषय पर, रीवरसाइड स्कूल, अहमदाबाद से पधार रही सुश्री नन्दिता पारेख ‘लाइफ स्किल्स इन स्कूल्स’ विषय पर, हेरिटेज स्कूल, दिल्ली की सुश्री किरणदीप डेंग एवं सेन्ट्रल स्क्वायर फाउण्डेशन, दिल्ली के श्री आजाद ओमेन ‘यूनिवर्सल वैल्यूज’ विषय पर, सुश्री नीता गांगुली ‘ईच वन टीच वन’ विषय पर, सुश्री कविता आनंद, निदेशिका, अध्ययन क्वालिटी सर्किल्स ‘एक्सीलेन्स इन आॅल थिंग्स’ विषय पर, श्री संजय मुत्तू ‘द आर्ट आॅफ स्टोरी टेलिंग’ विषय पर प्रजेन्टेशन देंगे। सुश्री बासु में बताया कि इसके अलावा, सृजनात्मक विचारों को अपनाकर शिक्षा प्रणाली में गुंणात्मक परिवर्तन लाने वाले देश-विदेश के शिक्षकों को इस सम्मलन में पुरष्कृत कर सम्मानित किया जायेगा।
सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि प्री-प्राइमरी शिक्षा का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय ही बच्चे के भविष्य की नींव रखी जाती है। अतः इन नन्हें मुन्हों को पढ़ाने के लिए बालकों के प्रति संवेदनशील प्रशिक्षित अध्यापिकाएं ही नियुक्त की जानी चाहिए जिन्हें बाल मनोविज्ञान का अच्छा ज्ञान हो। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। डा. गाँधी ने आगे कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि विश्व के सभी शिक्षाविद् मिलबैठकर बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें क्योंकि आज की भौतिक शिक्षा उन्हें डाक्टर, इंजीनियर तो बना रही है परन्तु इन्सान बनाने में अर्थात समाज का आदर्श नागरिक बनाने में असफल साबित हो रही है। इसलिए हम शिक्षाविदों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि एक कुशल जोहरी की भाँति बच्चों की रुचियों व खूबियों को पहचानें एवं उन्होंने अच्छे विचार व संस्कार दें। यदि हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश शुरू से ही बच्चों को दें, तो निश्चित रूप से बड़े होकर यह विश्वव्यापी सोच वाले विश्व नागरिक बनेंगे और सारी
धरती की भलाई के लिए कार्य करेंगे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं को विश्व की नवीनतम व सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक पद्धतियों से अवगत समय-समय पर अनेक कार्यशालाएं, सम्मेलन व गोष्ठियां आयोजित करता आ रहा है एवं इसी कड़ी में प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी प्रधानाचार्याओं का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। श्री शर्मा ने बताया कि इस अनूठे सम्मेलन का भव्य उद्घाटन आगामी 31 जनवरी को प्रातः 10.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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