उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने जय दुर्गे कुष्ठ सेवा आश्रम के कुष्ठ पीडि़तों को बताया कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं के समाधान, उनके बच्चों की उचित शिक्षा तथा पुनर्वास हेतु पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि मासिक अनुदान प्रति व्यक्ति 2,500 रूपयें कर दिया जाय। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पहले वे कुष्ठ पीडि़तों के लिए काम करने वाली संस्था, इन्टरनेशनल लेप्रोसी यूनियन, पुणे के अध्यक्ष थे। वे चालीस वर्षों से अधिक समय तक कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं के समाधान हेतु कार्यरत रहे हैं। वर्ष 2007 में कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं के संबंध में उनके द्वारा राज्यसभा में एक याचिका प्रस्तुत की गयी थी जिस पर कोई निर्णय नहीं हो सका था। कुछ दिन पूर्व संसदीय याचिका समिति ने प्रतिव्यक्ति 2,000 रूपयें प्रतिमाह देने की संस्तुति की है। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई के निकट कल्याण डोम्बिवली महापालिका के कुष्ठ पीडि़तों ने राज्यपाल बनने पर उनका अभिनन्दन कार्यक्रम रखा था। महापालिका जो अब तक कुष्ठ पीडि़तों को 1,500 रूपयें देती थी, ने अब 2,500 रूपयें मासिक देने की अधिकृत घोषणा की है।
राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज रायबरेली स्थित जय दुर्गे कुष्ठ सेवा आश्रम का दौरा किया और कुष्ठ पीडि़तों व उनके परिवारजनों से भेंट की। राज्यपाल ने कुष्ठ पीडि़तों को मिलने वाली आर्थिक सुविधाओं, शिक्षा, रोजगार व नागरिक सुविधाओं की विस्तृत जानकारी ली तथा उन्हें कम्बल भी वितरित किये।
श्री नाईक ने अपने सम्बोधन में कहा कि कुष्ठ पीडि़तों व उनके बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ते हुए उनके शिक्षा, भरण-पोषण, रोजगार की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। समाज में इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है कि कुष्ठ रोग संक्रामक रोग है। कुष्ठ रोग उचित इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकता है और रोगी स्वस्थ होकर आम आदमी की तरह जीवन गुजार सकता है। देश में कुष्ठ रोगियों के लिए 800 से ज्यादा कालोनियाँ उपलब्ध हैं जो शहरों के बाहर बनायी गयी थी और जो आबादी बढ़ने के साथ शहरी क्षेत्र में आ गयी हैं। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगियों के पुनर्वास के लिये जब तक दूसरी जगह बुनियादी नागरिक सुविधाओं के साथ नयी कालोनियाँ न बन जाय उन्हें हटाया न जाय।
राज्यपाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि कुष्ठ पीडि़त अपनी बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए जिलें के अधिकारियों के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से उनसे भी सम्पर्क कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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