समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि लोककला और लोक संस्कृति को बढ़ावा देनेवाला रणवीर सिंह स्मृति सैफई महोत्सव का सफल आयोजन 26 दिसम्बर,2014 से 8 जनवरी,2015 तक हुआ। इस बार के आयोजन ने नई परम्पराओं को भी जन्म दिया है। एक ओर हमेशा की तरह लोक कलाकारों की सराहनीय प्रस्तुतियों ने अपने दर्शकों को मंत्रमधुग्ध रखा वहीं साइकिल मैराथन और इंडियन ग्रामीण क्रिकेट लीग ने खेल और खिलाडि़यों की नई भूमिका भी तय की। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इन कार्यक्रमों में न केवल स्वयं दिलचस्पी ली अपितु इनके प्रतिभागियों के लिए नए अवसरों का भी आश्वासन दिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ज्यादातर कार्यक्रमों में स्वयं उपस्थित रहे। वे जब कुश्ती दंगल और कवि सम्मेलन में होते है तो उनका समां कुछ और ही होता है। वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव के संरक्षण में आयोजित पंच एवं सहकारिता सम्मेलन भी महोत्सव का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा।
सैफई महोत्सव 26 दिसम्बर,2014 को हनुमान जी की मूर्ति स्थापना एवं हवन पूजन के साथ प्रारम्भ हुआ और इसका आगाज मास्टर चंदगीराम स्टेडियम में श्रीमती जया बच्चन, मा0 साॅसद राज्यसभा के द्वारा लोकनृत्य, डेªगन डांस के साथ हुआ। रणवीर सिंह स्मृति सैफई महोत्सव की इस लोकप्रियता एवं अभूतपूर्व सफलता का श्रेय श्री धर्मेन्द्र यादव, अध्यक्ष, साॅसद बदायूॅ, श्री तेज प्रताप सिंह यादव, संयोजक साॅसद मैनपुरी तथा प्रबंधक श्री वेदव्रत गुप्ता को जाता है। 8 जनवरी,2015 को महोत्सव का समापन बालीबुड के रंगारंग कार्यक्रम से हुआ जिसमें भारी भीड़ रही।
इस बार सैफई महोत्सव ने ग्रामीण खेलकूद के प्रति जबर्दस्त उत्साह पैदा किया है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने साइकिल मैराथन में स्वयं हिस्सा लिया और दूर तक साइकिल चलाकर तमाम प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। सैफई में इंडियन ग्रामीण क्रिकेट लीग की शुरूआत से गांवो की नई क्रिकेट प्रतिभाओं का हुनर सामने आएगा और खेलजगत को नए कपिल देव तथा तेंदुलकर मिल सकेगें। अब तक क्रिकेट के खेल में ज्यादातर महानगरीय चेहरे ही दिखते रहे है। अब मुख्यमंत्री जी के प्रोत्साहन से गांव भी अपनी दावेदारी पेश कर सकेगें।
सैफई महोत्सव के मंच से बड़े और नामी कलाकार तो अपनी प्रस्तुतियां देते ही हैं इस बार इस बात का भी विशेषकर ख्याल रखा गया कि स्थानीय प्रतिभाओं को भी अवसर मिले। प्रो0 राम गोपाल यादव के संरक्षण में स्कूली बच्चों की संास्कृतिक स्पद्र्धा, मेडिकल छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुति, फाग और प्रादेशिक लोकगायन इस दृष्टि से उल्लेखनीय है।
महोत्सव में मेला का भी आकर्षण बना रहा। रक्तदान, नेत्र जांच शिविर के साथ चिकित्सा शिविरों ने बीमारों को इलाज की सुविधाएं दी तो आतिशबाजी के साथ नववर्ष का स्वागत भी घूमधड़ाके साथ हुआ। महोत्सव में नृत्य, संगीत और गायन के बड़े ही रोचक कार्यक्रम हुए जिसमें बालीबुड की हस्तियां भी शामिल हुई। सभी दृष्टियों से इस बार का सैफई महोत्सव एक नई परम्परा की शुरूआत के साथ भविष्य के लिए एक नयी दिशा भी दे गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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