विधानसभा इसौली में तीन जनपदों को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित टूटे विसुही के पुलिया को उ.प्र. शासन के प्रतिनिधि हो या केन्द्र सरकार के सांसद अथवा जिला प्रशासन सभी ने नजर अन्दाज कर दिया है। लगभग एक दर्जन राहगीरों के मृत्यु का कारण बनी इस पुलिया को बनवाने का वादा जनपदीय सांसदों, विधायकों के लिये प्रत्येक चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा भी होता है। स्थानीय लोगों द्वारा अनेकों बार पुलिया निर्माण की मांग जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन से करने के बाद भी आज तक नहीं बन पायी।
अमेठी, सुलतानपुर व फैजाबाद जनपद को जोड़ने वाला शार्टकट रोडद्व केवल 45 किमी मात्र होता है जिस पर मुसाफिरखाना, बल्दीराय से देहली बाजार होते हुए फैजाबाद को जाने वाली दो बसों से प्रतिदिन आवागमन होता है। परन्तु ऐंजर के पास ऐंजर ताल से प्रारम्भ होने वाली ऐतिहासिक बिसुही नदी की पुलिया का ऊपरी लिंटर लगभग 35 वर्षो से टूटा हुआ है। स्थानीय लोग वर्तमान में मोटी बल्ली व पटरे के ऊपर मिट्टी पाटकर किसी तरह आवागमन बनाये हुए है। बतातें चलें कि उक्त टूटी पुलिया से लगभग एक दर्जन से ज्यादा लोग काल कवलित हो चुके है। जब-जब चुनाव आता है सभी उम्मीदवार पुलिया बनवाने का वादा करते है, परन्तु चुनाव बीतने के बाद किया गया वादा ‘‘बीती बातें’’ हो जाती है। इस बावत स्थानीय लोगों ने कई बार निवर्तमान व वर्तमान सांसदों व विधायकों से लिखित व मौखिक पुलिया बनवाने की मांग की। बावजूद इसके आज तक किसी माननीय ने पुलिया निर्माण हेतु कोई प्रयास नहीं किया। आज भी क्षेत्र को इसका मलाल है। देहली बाजार से मात्र दो किमी की दूरी से प्रारम्भ इस बिसुही नदी का हमारे पुराणों में भी उल्लेख है। ऐतिहासिक नदी के प्रारम्भ स्थल मात्र एक नाला के रूप में है जहां केवल पच्चास या साठ मीटर की ही पुलिया बननी है वह भी केवल लिंटर व मरम्मत ही होनी है क्योंकि पूर्व में बने पुलिया की नींव अभी मजबूत है। ऐसे में लोगों की वर्षो से परेशानी व समस्या के चलते स्थानीय संभ्रात व्यक्तियों तथा समाजसेवी संस्थाओं ने जिनमें समाज सेवी विकास शुक्ला, ऐंजर प्रधान राजेश दूबे, प्रदीप सिंह, बहुरांवा, जितेन्द्र यादव, काली सहाय सिंह, शिवसरन यादव, मो. मुकीम प्रधान कनेहटी, मो. असगर अली, राम सुमेर रैदास आदि ने इसौली विधायक व वर्तमान सांसद व जिलाधिकारी से अतिशीघ्र पुलिया निर्माण की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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