जयसिंहपुर थानाक्षेत्र के परसा के रघुनाथ केवट ग्रामीण बैंक के शाखा पीढ़ी के पहले शिकार नहीं है। इससे पहले भी जगराम निषाद पुत्र बृजलाल निषाद ग्राम परसा के शिकार हो चुके है लेकिन उनकी खतानी बन्धक नहीं बनायी गयी थी उनकी खतौनी सर्पोटिंग खतौनी के रूप में लगायी गयी थी लेकिन मामला खुलने के बाद पीढ़ी शाखा के बैंक अधिकारियों ने जगराम निषाद की खतौनी निकालकर दूसरे व्यक्ति की खतौनी लगवा दी। जिससे ये मामला दबा रह गया लेकिन रघुनाथ के मामले में खतौनी के बन्धक होने पर पूरा मामला खुला जब भुक्तभोगी अपने भतीजे के जमानत के सिलसिले में खतौनी निकलवाने बैंक आया वैसे तो पीढ़ी बैंक ही इस मामले में नही है। बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की शाखा बरौसा में भी कुछ वर्षो पहले छोटे लाल पुत्र राम जियावन ग्राम उपाध्यायपुर के साथ अनोखा खेल हुआ था छोटेलाल परदेश मे था उसी समय उसके खाते से 18000 रूपया गायब हो गया। जब भुक्तभोगी शिकायत लेकर बैंक पहुंचा तो बैंक अधिकारियों ने उस खाते का बन्द करके दूसरा खाता खोल दिया और मामले को बिना जाॅच किये दबा दिया। इस मामले में ग्रामीण बैंक ही नहीं राष्ट्रीयकृत बैंक भी पीछे नही है अभी दो वर्ष पूर्व भारतीय स्टेट बैंक के शाखा कूरेभार में सूर्यमनी देवी पत्नी स्व. राम चरित्र वर्मा ग्राम इछूरी पोस्ट कूरेभार के साथ्ज्ञ भी यही हुआ उनके खाते से 1 लाख 70 हजार गायब हो गये जब जाॅच पड़ताल की जाने लगी तब बैंक अधिकारियों के हाथ पाॅव फूल गये और बैंक अधिकारियों ने आनन-फानन में पूरे पैसे जमाकर के मामले को रफा दफा कर दिया। ये बैकों के केवल नाम मात्र के मामले ही बैकों में जिस तरह से लूट मचायी जा रही है। इतनी लूट शायद ही अन्य विभागों में देखने को मिलेगा। सभी मामले की तरह रघुनाथ का भी मामला रफा दफा कर दिया जायेगा। क्योंकि बिल्ली के गले में घंटी कौन बाधेगा।?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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