पावन,प्रसिद्ध और ऐतिहासिक तीर्थ ओरछा में दो दिवसीय बुन्देली साहित्य का राष्ट्ीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इस भव्य साहित्य समारोह में प्रतिष्ठित कवि कैलाष मड़बैया भोपाल को राष्ट्ीय षाॅंति देवी साहित्य पुरस्कार-2015,‘लाइफ टाइम एचीवमेण्ट’ स्वरुप इन्क्यावन हजार रुपयों का, अंगवस्त्र,साॅंल,श्री फल और साहित्य सहित प्रदान किया गया। पुरस्कार सांसद झाॅंसी और मध्यदेष के पूर्व सम्पादक विष्वनाथ षर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री प्रदीप जैन आदित्य,ओरछेष मधुकरषाह जू देव और फिल्म अभिनेता राजा बुन्देला के आतिथ्य में प्रदान किया गया। वीरसिंह देव पुरस्कार-15 डाॅं. कामिनी प्राचार्या सेंव़ढ़ा/दतिया को प्रदान किया गया।अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद भोपाल के तत्वावधान में आयोजित इस साहित्य सम्मेलन में एक सौ से अधिक साहित्कारों ने चार स़त्रों में भागीदारी की जिसमें सर्वसम्मति से केन्द्रषासन से बुन्देली भाषा को आठवीं अनुसूची में अब तक स्थान नहीं दिये जाने पर तीब्र आक्रोष व्यक्त किया गया। साथ ही राजा राम तीर्थ के प्रसिद्ध ओरछा में उक्त रेल लाइन पर आने जाने बाली रेलों के स्टोपेज बनाये जाने की माॅंग की गई। सर्वसम्मति से नेपाल में हुये अन्तर्राष्ट्ीय सम्मेलन की सफलता पर धन्यवाद ज्ञापन भी किया गया।इस अवसर पर हुये राष्ट्ीय कवि सम्मेलन में सर्वश्री कैलाष मड़बैया भोपाल,आषा पाण्डे ग्वालियर,देवदत्त द्विवेदी छतरपुर, बेंधड़क झाॅंसी, रामस्वरुप दतिया,पथ एवं षिवेन्द्र भिण्ड, स्वदेष ललितपुर, राजीव राणा एवं रामगोपाल रायकवार ठीकमगढ,जवाहर द्विवेदी गुना,लखनखरे षिवपुरी,उमेष खरे,हेमा बुखारिया,प्रभा खरे,प्रज्ञा एवं पोषक पृथ्वीपुर,़प्रो.षीलवाल विदिषा,संतोष खजुराहो,रजनीष ओरछा आदि लगभग 50 कवियों ने काव्यपाठ किया। .ओम.संयोजक
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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