मैंने अपना पूरा जीवन दलितों के उत्थान, सामाजिक न्याय व समता मूलक समाज की स्थापना के लिए समर्पित किया जिसके लिए मान्यवर कांशीराम जी की प्रेरणा से बहुजन समाज पार्टी की स्थापना के पूर्व से जुड़ा रहा। मान्यवर कांशीराम जी चाहते थे कि दलितों के हाथ में सत्ता की ताकत आये ताकि समता मूलक समाज की स्थापना की जाये। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मुझे बहुजन समाज पार्टी से जोड़ा। मैंने जीवन में हमेशा पार्टी तथा संगठन में काम किया, सत्ता की चमक-दमक से दूर रहा।
मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि मौजूदा नेतृत्व संगठन के कामकाज और समर्पित कार्यकर्ताओं पर भरोसा करने के बजाय पैसे व पैसे वालों को तरजीह दे रहा है जिससे मान्यवर कांशीराम जी के सपनों पर ग्रहण लगने लगा है। ऐसे माहौल में सिर्फ मेरा नहीं, बहुजन समाज मिशन के लिए लगे तमाम लोगों का दम घुट रहा है। मौजूदा माहौल के बारे में मुझे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है, आप सब अच्छी तरह समझते हैं। यदि पैसे व पैसे वालों से कोई राजनीतिक दल मजबूत हो सकता है तो इस देश में पूंजीपति व साहूकार ही राज करते। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती दलित की बेटी न होकर दौलत की बेटी हो गयी हैं। मैं जिस मिशन व विचारों से जुड़ा था, आज उसको मायावती बेच रही हैं। पार्टी में हर काम को पैसा लेकर किया जा रहा है। राजनीतिक काम का दाम तय हो गया है। मुझसे एम.एल.ए. व प्रत्याशियों ने शिकायत की कि टिकट के लिए पैसा मांगा जा रहा है तो मैंने इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से बात की। मैंने कहा कि बहन जी, पार्टी का ग्राफ गिर रहा है, पार्टी मिशन से भटक रही है, इस पर वह मुझसे नाराज हो गयीं और मुझे सारे पदों से मुक्त कर दिया। मैं बसपा में काम करने वाले लगनशील, निष्ठावान व बाबा साहब व मान्यवर कांशीराम साहब के मिशन से जुड़े लोगों से विचार करने की अपील करता हूँ ताकि बसपा सुप्रीमो मायावती पर दबाव बने और उनको सद्बुद्धि आये जिससे पार्टी अपने मूल उद्देश्यों पर काम कर सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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