बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती के द्वारा महामना पं0 मदन मोहन मालवीय जी व भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न दिये जाने की जाति के आधार पर आलोचना करना अत्यन्त निन्दनीय है। कतिपय मामलों में राजनेताओं को सुचिता व नैतिकता का ध्यान रखना चाहिए। राजनीति में जाति एक सच्चाई है लेकिन महापुरूषों को जाति के दायरे में नहीं बांधना चाहिए। इसके लिए बसपा अध्यक्ष की भत्र्सना करते हुए एवं पार्टी के राज्यसभा सांसद दिल्ली व बिहार प्रदेश के प्रभारी, बहुजन मिशन के सिपाही मा0 श्री जुगुल किशोर जी के साथ पार्टी अध्यक्ष के व्यवहार की निन्दा करता हूँ। मैं अपने समर्थकों सहित, बिहार एवं दिल्ली सहप्रभारी के पद व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देता हूँ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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