समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने आज यहां कहा है कि भाजपा नेता अपनी मर्यादाएं भूल गए हैं। केन्द्र की सत्ता का अहंकार उनके दिमाग में घर कर गया है। नोएडा और मुरादाबाद में अधिकारियों के साथ उनका दुव्र्यवहार पूर्णतया अशालीन, निदंनीय और असंवैधानिक है। किसी अधिकारी को बंधक बनाकर उससे विभागीय फाइलें तलब किया जाना प्रशासनिक कार्यो में बाधा डालना और शासकीय गोपनीयता के साथ खिलवाड़ करना हैं। विधान सभा चुनावों के पूर्व प्रदेश में अशांति औेर अराजकता फैलाने की साजिशें जानबूझकर रची गई है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा तीसरे चैथे पायदान की लड़ाई लड़ती रही है उसके कार्यकर्ता कुंठित और निराश है। सिर्फ सांप्रदायिकता और अव्यवस्था के सहारे भाजपा अपना भविष्य बनाना चाहती है। कभी परिक्रमा, कभी घर वापसी तो कभी अनर्गल भड़काऊ बयानबाजी के जरिए प्रदेश की शांति और सामाजिक सद्भाव को नष्ट करने की साजिशें की जाती है। भाजपा की मंशा राजनीतिक सामाजिक माहौल खराब करने की है ताकि समाजवादी सरकार के विकास एजेण्डा में रोड़ा अटकाया जा सके। बाहर से आनेवाला पूंजीनिवेश बांधित हो ताकि यहां उद्योगधंधे नहीं लग सके। किसी भी तरह प्रदेश प्रगति के रास्ते पर न चल सके।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने समाज के सभी वर्गो के कल्याण की योजनाओं को अमली जामा पहनाया हैं। किसान, गरीब और गांव के मद में 75 प्रतिशत धनराशि का प्रदेश के बजट में प्राविधान किया गया है। पांच साल के लिए किए गए अधिकांश चुनावी वायदे तीन साल भी नहीं हुए पूरे कर दिए गए हैं। इससे श्री अखिलेश यादव के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है और लोगों में इस सरकार की लोकप्रियता भी गहरी हुई है।
प्रदेश में भाजपा का अब तक निराशजनक रिकार्ड रहा है। केन्द्र की सत्ता में आने के लिए जनता से जो वायदे किए गए थे उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ है। न तो कालाधन वापस आया और न हर भारतीय के खाते में 15 लाख रूपए जमा हुए। न नौजवानों को रोजगार मिला और नहीं मंहगाई पर रोक लगी। अब भाजपा नेताओं का एक ही काम रह गया है कि प्रदेश की लोकतांत्रिक ढंग से चुनी बहुमत की समाजवादी सरकार की आलोचना जनादेश ओर उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ जनता का अपमान करना है। भाजपा नेता जो कर रहे हें वह अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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