पंचायती राज विभाग उ0प्र0 शासन द्वारा निर्मल भारत अभियान के अन्तर्गत प्रथम चरण में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु प्रदेश के 30 जनपदों में ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक कम्पोस्ट खाद के गढ्ढों तथा सोख्ता गढ्ढों एवं बायोगैस माडल का निर्माण किया जायेगा। यूनीसेफ/पंचायतीराज विभाग द्वारा चयनित बायोगैस समूह मुल्लाही खेड़ा, नटकुर लखनऊ की यूनिट को यह कार्य सौंपा गया है।
यह जानकारी बायोगैस प्रबन्धन समूह के उपाध्यक्ष /सचिव श्रीमती मालती मौर्य ने देते हुए बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु ग्राम पंचायतों में बी0ई0एम0सी0 तथा यूनीसेफ माडल बनाये जा सकते हैं। उक्त माडल के क्रियान्वयन हेतु पंचायतीराज निदेशक ने सुझाव दिया है कि माडल के क्रियान्वयन हेतु ग्राम पंचायतों में ऐसे लाभार्थियों का चयन किया जायेगा जो लाभार्थी अंश के रूप में लागत का 40 प्रतिशत स्वयं खर्च कर सकें तथा 60 प्रतिशत धनराशि योजना मद से उपलब्ध करायी जा सकती है।
बायोगैस प्रबन्धन समूह की सचिव श्रीमती मौर्य ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं अपशिष्ट प्रबन्धन कार्यों को प्रदेश के 30 जनपदों -फिरोजाबाद, मथुरा, कासगंज, जालौन, कौशाम्बी, फतेहपुर, बांदा, अमेठी, फैजाबाद, गोण्डा, श्रावस्ती, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बलिया, अमरोहा, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, संभल, रामपुर, बुलन्दशहर, सहारनपुर, शामली, मिर्जापुर, लखनऊ, हरदोई तथा औरैया से तरल अपशिष्टों के प्रबंधन की प्राप्त कार्य योजनाओं पर विचारोपरान्त निर्णय लिया गया कि उक्त जनपदों में सामुदायिक खाद गढ्ढों तथा सोख्ता/गढ्ढों का निर्माण बायोगैस समूह एजेन्सी से कराया जाय।
श्रीमती मौर्य ने बताया कि बायोगैस समूह द्वारा प्रदेश के जनपदों में स्थापित कामधेनु तथा मिनी कामधेनु डेरियों में उपलब्ध पशुओं के गोबर तथा मूत्र का सदुपयोग करने हेतु बायोगैस प्लाण्ट की स्थापना का कार्य भी यूनीसेफ एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा चयनित बायोगैस समूह मुल्लाही खेड़ा लखनऊ द्वारा किया जायेगा। कामधेनु तथा मिनी कामधेनु डेरियों के पशुओं के गोबर से बायोगैस ऊर्जा उत्पन्न की जायेगी। गैस का प्रयोग खाना पकाने तथा अन्य छोटे-छोटे उद्यमों को संचालित करने हेतु ऊर्जा मिल सकेगी। इस कार्य हेतु यूनीसेफ द्वारा ऊर्जा हेतु जेनेरेटर भी उपलब्ध कराये जायेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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