प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री शिवाकांत ओझा ने बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में प्रदेश में अब तक आई0आई0टी0 एवं आई0आई0आई0टी0 के क्षेत्र में उतनी प्रगति नहीं हो पायी है जितनी प्रगति देश के अन्य प्रदेशों ने की है।उ0प्र0 आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है तथा यहां प्रत्येक वर्ष इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लगभग 11 लाख छात्रों में से अधिकांश छात्र अन्य प्रदेशों व अन्य देशों में आई0टी0 की शिक्षा हेतु चले जाते हैं क्योंकि प्रदेश में प्रति लाख सीट की उपलब्धता मात्र 15.5 है जब कि तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र इत्यादि में इससे कहीं अधिक है। इसलिए प्रदेश के छात्रों के हित में तथा उन्हें अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर आई0टी0 की प्रतिस्पर्धा में लाने के उद्देश्य से लखनऊ में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, की स्थापना की जा रही है। इसकी स्थापना से लखनऊ भी बंगलूरू, हैदराबाद शहरों की भांति आई0टी0 हब के रूप में विकसित होगा। यह संस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में अग्रणी भूमिका निर्वहन करेगा तथा इसकी स्थापना से सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार होगा। यह प्रदेश के छात्रों को सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आकर कार्य करने हेतु प्रेरित करेगा तथा यहां के छात्र भी इस संस्थान से निकल कर देश एवं विदेश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
श्री ओझा ने बताया कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ की स्थापना 50 एकड़ क्षेत्र में की जा रही है। इस पर कुल 128 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है जिसका 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा, 35 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा तथा 15 प्रतिशत इण्टस्ट्री पार्टनर के रूप में चयनित यू0पी0 इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन द्वारा वहन किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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