उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने उपाधि प्राप्त चिकित्सा स्नातकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन का दूसरा अध्याय अर्थात रोगी सेवा करने का अवसर अब शुरू हुआ है। अपने ज्ञान के उपयोग के साथ-साथ संवेदनशीलता का भी ध्यान रखें। चिकित्सक, मरीज में जीवन के प्रति इच्छा शक्ति और धैर्य बनाये रखने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इलाज महंगा होता जा रहा है। केवल पैसा कमाना ही जीवन का ध्येय नहीं हो सकता।
राज्यपाल आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृहमंत्री, श्री राजनाथ सिंह तथा विशिष्ट अतिथि प्रो0 राबर्ट एम0 कैलिफ, कुलपति, क्लिनिकल एण्ड ट्रांसलेशनल रिसर्च, अमेरिका थे। इस अवसर पर प्रो0 स्टीफेन जी0 बाउन, यूनिवर्सिटी आफ लंदन तथा प्रो0 जतिन पी0 शाह, प्रोफेसर आफ सर्जरी, काॅर्नल यूनिवर्सिटी, अमेरिका को मानद् उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर पुलकित रंगढ़ को चिकित्सा विश्वविद्यालय के सर्वाधिक प्रतिष्ठित चांसलर, हीवेट व यूनिवर्सिटी ऑनर्स अवार्ड दिये गये। पुलकित रंगढ़ को उक्त तीन पुरस्कारों सहित कुल 17 मेडल मिले, जिसमें आठ स्वर्ण पदक शामिल हैं। इसके अलावा बीडीएस की दो छात्राओं साक्षी शर्मा व शिखा गौतम को भी दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया। साक्षी को दो स्वर्ण पदक व एक रजत पदक दिया गया जबकि शिखा गौतम को छह स्वर्ण, दो रजत पदक मिले। इसके अलावा नर्सिग के लिए इंदु यादव को महाराजा बलरामपुर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना के प्रस्ताव में केन्द्र और राज्य सरकार के बीच पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कैंसर के बहुत मरीज आते हैं, जिनके समुचित इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। देश में प्रतिभा है। आजकल लोग भारत में इलाज कराने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि बीस वर्ष पूर्व जब वे कैंसर रोग से पीडि़त हुए थे तो चिकित्सकों ने उन्हें विदेश में इलाज कराने की सलाह दी। पर उन्होंने डाक्टरों की सलाह न मानकर देश में ही इलाज कराना उचित समझा।
श्री नाईक ने इस अवसर पर सफलता के चार मंत्र दिये जो उनके गुरू ने अपने अंतिम भाषण में बताये थे। उन्होंने कहा सदैव मुस्कराते रहें क्योंकि मुस्कराने से सहजता से काम करने की प्रेरणा मिलती है, अच्छा काम करने वालों की प्रशंसा करें तथा उनके गुणों को ग्रहण करने का प्रयास करें, किसी की अवमानना न करें तथा हर काम को बेहतर तरीके से करने की सदैव गुंजाईश रहती है।
मुख्य अतिथि, केन्द्रीय गृहमंत्री, श्री राजनाथ सिंह ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का आह्वाहन किया कि वे मिशनरी भाव से स्वास्थ्य सेवाओं में अपना योगदान करें। गरीब और मध्यम श्रेणी के लोगों को चिकित्सकों से बहुत उम्मीद होती है। भरोसा और विश्वास बनाये रखे। गरीबों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ करने की जरूरत है। चार एम्स व बारह नये मेडिकल कालेज खोले जाने की बात को कहते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और गति देने के लिए कटिबद्ध है।
कार्यक्रम में कुलपति, प्रो0 रविकांत ने स्वागत उद्बोधन दिया व वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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