उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सड़क यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को मिलकर काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि सिविल व ट्रैफिक पुलिस तथा परिवहन विभाग समन्वय स्थापित कर रोड सेफ्टी सेल का शीघ्र गठन करंे तथा यातायात नियमों के प्रभावी प्रवर्तन हेतु कार्य योजना बनाकर लागू करें। उन्होंने कहा कि यदि यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए तो बड़ी संख्या में लोगों को असमय मौत से बचाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री आज यहां योजना भवन में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने सभी मण्डल मुख्यालयों पर चरणबद्ध ढंग से रीजनल ड्राईविंग सेन्टर स्थापित करने के अलावा 35 जनपदों में आॅटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग प्रणाली लागू करने तथा शेष 40 जनपदों में टेस्टिंग ट्रैक निर्मित करने के निर्देश भी दिए हंै। लखनऊ में स्थापित होने वाले माॅडल इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेण्टर की तर्ज पर प्रदेश के अन्य सभी मण्डलीय मुख्यालयों पर भी सेण्टर स्थापित करने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुार पी.पी.पी. माॅडल या सड़क सुरक्षा कोष से यह कार्य कराया जाए। इन कार्यों के लिए जिलाधिकारियों को वरीयता से भूमि उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्य योजना पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों पर रिट्रोरिफलेक्टिव टेप लगाए जाएं, जिससे दुर्घटना में कमी लाई जा सके। उन्होंने डाॅक्यूमेंट्री फिल्म, स्लाइड, एफ.एम. चैनल, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
श्री यादव ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भी सड़क सुरक्षा सम्बन्धी जागरुकता हेतु कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने दुर्घटना में मृत एवं घायल व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सहायता राशि पर विचार करते हुए सोलेशियम स्कीम के अंतर्गत 25,000 रुपए की धनराशि बढ़ाकर 01 लाख रुपए करने तथा यात्री वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि करने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होेंने परिवहन विभाग को वाहन चालकों एवं वाहनों की फिटनेस जांच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तकनीकी स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
श्री यादव ने विगत अनुभवों के दृष्टिगत दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से एन.एच.ए.आई. तथा लोक निर्माण विभाग को 1,020 चिन्हित ब्लैक स्पाॅट्स पर तत्काल कार्य योजना बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि 01 वर्ष की अवधि में दुर्घटनाओं में प्रभावी कमी लाई जा सके। सड़कों के निर्माण प्रस्ताव तैयार करते समय रोड सेफ्टी कम्पोनेंट अनिवार्य रूप से शामिल करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी आॅडिट भी कराया जाए।
शहीद पथ पर होने वाली दुर्घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने एन.एच.ए.आई. से दुर्घटनाओं को कम करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। प्रथम चरण में बंगलौर आदि नगरों की व्यवस्था के अनुरूप प्रदेश के कुछ शहरों में यातायात नियंत्रण प्रणाली लागू करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार संसाधनों की उपलब्धता देखते हुए सी.सी. टीवी कैमरे भी स्थापित किए जाएं।
यातायात नियंत्रण के लिए सिविल एवं ट्रैफिक पुलिस को मिलकर काम करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के उत्तरदायित्व निर्धारित किए जाएं। इसी प्रकार प्रदेश के नगरों में ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली एवं ई-चालान सिस्टम लागू करने के लिए अविलम्ब कार्रवाई की जाए। यातायात निदेशालय को रोड मार्किंग, सिग्नल साइनेज आदि की व्यवस्था लोक निर्माण विभाग, नगर विकास विभाग, विकास प्राधिकरण एवं स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करने के लिए कहा।
श्री यादव ने वर्ष 2011-13 के बीच दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु की संख्या में लगभग 5,000 की कमी को संज्ञान में लेते हुए नये ट्रामा सेण्टरों को तत्काल शुरु करने एवं सड़क के नजदीक अस्पतालों में चिकित्सकों एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित 100 ब्लैक स्पाॅट्स पर बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम एवं एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर आधारित एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के लिए भी कहा है।
इससे पूर्व जून, 2014 की बैठक में उच्चस्तरीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों को अनुमोदित करते हुए परिषद ने निर्देशित किया कि मण्डल स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति का शीघ्र गठन किया जाए तथा जिला एवं मण्डल सड़क सुरक्षा समितियों में विषय-विशेषज्ञ तैनात किए जाएं। इसके अलावा परिषद ने सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्धन समिति की बैठक में अनुमोदित 12 करोड़ रुपए की योजनाओं पर तत्काल कार्य शुरु करने तथा सड़क सुरक्षा कोष में नियमावली के प्राविधानों के अनुसार धनराशि के आवंटन हेतु निर्देश भी दिए।
बैठक में नगर विकास मंत्री श्री मो. आजम खां, परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन, बेसिक शिक्षा मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेई, राज्य मंत्री परिवहन श्री मान पाल सिंह, सलाहकार वाह्य सहायतित परियोजना
श्री मधुकर जेटली, प्रमुख सचिव परिवहन श्री कुमार अरविन्द सिंह देव, परिवहन आयुक्त श्री के. रवीन्द्र नायक, ए.डी.जी. यातायात श्री अनिल अग्रवाल एवं अन्य विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव एवं अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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