सभी महिलाएं बहुत जिम्मेदार होती हैं। हमारे देश की कोई भी महिला अपनी जिम्मेदारी से पीछे कभी नहीं हटती है। वह हर तरह से सक्षम होती है। हमारे यहां पृथ्वी को माँ कहा जाता है। जिस तरह से पृथ्वी माँ बनकर हम सबका भरण-पोषण करती है उसी तरह महिला भी अपने परिवार के सभी महत्वपूर्ण दायित्वों की पूर्ति करती है। हमारे यहां गंगा को भी माँ कहा गया है, जो हमें स्वच्छ और निर्मल बनाती है। इसी प्रकार महिलाएं भी समाज में व्याप्त अनेकों दोषों को अनदेखा कर ईमानदारी से अपने घर, समाज व देश को आगे बढ़ाने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहती हैं।
यह उद्गार आज यहां अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर मानव अधिकार भवन गोमती नगर स्थित उ0प्र0 राज्य महिला आयोग के सभागार में आयोजित महिला अधिकार जन-जागरूकता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अरूण कुमारी कोरी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यूं तो महिलाएं स्वयं में सशक्त हंै लेकिन उन्हें और अधिक सशक्त व निर्भीक बनाने के लिए हमारा यह राज्य महिला आयोग बहुत ही जिम्मेदाराना तरीके से अपना कार्य बखूबी निभा रहा है। महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री ज़रीना उस्मानी तथा इनके सदस्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का कार्य इन सब लोगो ने बखूबी किया है जिसके लिए मैं इन्हें हृदय से धन्यवाद देती हूँ।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण के प्रति राज्य सरकार दृढ़ संकल्प है। इस दिशा में आशा ज्योति
केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित है। इसके तहत महिला थाना व रिपोर्टिंग चैकी, निर्भया केन्द्र चिकित्सकीय सुविधाएं, सलाह एवं ट्रामा काउन्सिलिंग, हैल्पलाइन सेवाएं, बैंक एक्सटेन्शन काउन्टर तथा कानूनी सहायता जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी।
इस अवसर पर आयोग की अध्यक्ष सुश्री ज़रीना उस्मानी ने कहा कि महिला आयोग लगातार महिलाओं की सुरक्षा करता रहा है। यह महिलाओं के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनायें शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग समाज के किसी एक वर्ग विशेष के लिए कार्य न करके समाज की आधी आबादी अर्थात महिलाओं के लिए कार्य करता है। ‘सांझी दुनिया’ केे प्रतिनिधि के रूप में आयीं सुश्री रूप रेखा वर्मा ने कहा कि जागरूकता निश्चित रूप से बढ़ी है। बहुत से ऐसे कानून हैं जिनसे महिलाओं को अपने हक़ की लड़ाई लड़ने में मदद मिली है।
गोष्ठी में बताया गया कि महिला आयोग महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के प्रति राज्य की वचनबद्धता को दर्शाता हैं। आयोग महिलाओं का आत्मविश्वास एवं समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और साथ ही महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा की रोकथाम करने के लिए भी निरन्तर प्रयासरत है।
गोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के महिला आयोग के सदस्य तथा महिला एन0जी0ओज़ के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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