उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना रिस्क मैनेजमेंट एण्ड इन्श्योरेंश के नाम से शुरू होगी। इसे प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू किया जायेगा। अभी तक राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना प्रदेश के चिन्हित 39 जनपदों में संचालित की जा रही है।
यह जानकारी उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि उक्त योजना के तहत स्वदेशी एवं क्रास बे्रड दुधारू गाय-भैंस, भार वाहक पशु, घोडा़, गधा, खच्चर, ऊंट, टट्टू तथा साड़, भंैसा तथा अन्य पशुधन यथा बकरी, सूकर, खरगोश, याक मिथुन आच्छादित होंगे। एक परिवार को अधिकतम 05 पशु इकाईयों पर अनुदान का लाभ प्राप्त हो सकता है। इसमंे छोटे पशुओं जैसे-भेड़, बकरी, बकरा, सूकर, खरगोश को जोड़कर एक इकाई माना जायेगा। यदि पशुपालक के पास 05 से कम छोटे पशु हंै तो उन्हें एक पशु इकाई मान कर लाभ दिया जायेगा।
डा0 यादव ने बताया कि एक वर्ष हेतु बीमा प्रीमियम की दर 03 प्रतिशत तथा तीन वर्ष हेतु बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर 7.5 प्रतिशत हो सकती है। इस योजना के अंतर्गत बीमाकरण के समय 50 रुपये तथा क्लेम की दशा में पोस्टमार्टम करने तथा पी0एम0आर0 रिपोर्ट निर्गत हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी को 125 रुपये का मानदेय देय होगा।
डा0 यादव ने बताया कि सामान्य क्षेत्रों में बी0पी0एल0 के ऊपर बीमा प्रीमियम केन्द्रांश 25 प्रतिशत एवं राज्यांश 25 प्रतिशत तथा लााभार्थी का अंश 50 प्रतिशत एवं सम्पूर्ण सर्विस टैक्स का भुगतान। इसमें बी0पी0एल0, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु बीमा प्रीमियम पर केन्द्रांश 35 प्रतिशत, राज्यांश 35 प्रतिशत लाभार्थी का अंश 30 प्रतिशत एवं सर्विस टैक्स का भुगतान हेतु एस0 एण्ड डी0 को भेज करके 50 प्रतिशत राज्यांश की मांग की गई है। प्रदेश के नक्सल प्रभावित जनपदों चन्दौली, मिर्जापुर तथा सोनभद्र में बी0पी0एल0 से ऊपर बीमा प्रीमियम पर केन्द्रांश 35 प्रतिशत राज्यांश 25 प्रतिशत तथा लाभार्थी 40 प्रतिशत एवं सर्विस टैक्स का भुगतान। बी0पी0एल0 के नीचे, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु बीमा प्रीमियम दर केन्द्रांश 50 प्रतिशत, राज्यांश 30 प्रतिशत, लाभार्थी अंश 20 प्रतिशत एवं पूर्ण सर्विस टैक्स का भुगतान करना होगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के समस्त मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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