जनपद लखनऊ की परम्परागत हस्तशिल्पकला को विश्वस्तरीय लोकप्रिय कला बनाने एवं हस्तशिल्पकला को उद्योग जगत में लाने एवं आधुनिक तकनीकों के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की हस्तशिल्प उद्योगों में पर्याप्त भागीदारी होने व भारतीय हस्तशिल्प उद्योगों को विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त करने के उद्देश्य से वर्तमान में भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार के सहयोग एवं कार्यालय उपायुक्त उद्योग के माध्यम से प्रदेश के हस्तशिल्प औद्योगिक विकास हेतु क्लस्टर विकास योजना चलाई जा रही है, जिसमें चिकनकारी क्लस्टर, टेराकोटा टवायज एवं जरी जरदोजी क्लस्टर आदि जनपद में प्रस्तावित क्लस्टर विकास योजना का एक महत्वपूर्ण अंग है। अतः जनपद में हस्तशिल्प उद्योगों को विकसित करने एवं नई तकनीकी दिशायें देने के उद्देश्य से प्रस्तावित क्लस्टरों के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन हेतु एस0पी0वी0 (स्पेशन परपज व्हीक्ल) का गठन किया जाना है, जिसकी क्लस्टर के सफल संचालन में अहम भूमिका होती है। एस0पी0वी0 बनने हेतु प्रस्तावित क्लस्टर के उद्योग से संबंधित 25 से अधिक सामूहिक इकाइयाँ कार्यरत होनी चाहिये। एस0पी0वी0 के पास संबंधित प्रस्तावित, क्लस्टर के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन हेतु एक सामुदायिक सुविधा केंद्र (सी0एफ0सी0) को स्थापित करने के लिये चिन्हांकन सहित अपेक्षित भूमि का होना अनिवार्य है। सामुदायिक सुविधा केंद्र के अंतर्गत निम्नलिखित उप केंद्रों का संचालन प्रस्तावित है जैसे डिजाइन सेंटर, उत्पादन सेंटर, टेनिंग सेंटर, आर0एण्डडी0 सेंटर, कच्चामाल डिपों, उत्पाद डिस्प्ले सेंटर एवं सूचना केंद्र, आदि आवश्यकता के अनुसार सुविधा केंद्र स्थापित किये जा सकते हैं, जिसके लिये भारत सरकार से अधिकतम राशित 15 करोड़ रुपये का 70 प्रतिशत प्रदान किये जाने का प्राविधान है। जनपद के पात्र पुरुष एवं महिला उद्यमी उपरोक्त वर्णित क्लस्टरों के एस0पी0वी0 बनने हेतु एवं अन्य नये क्लस्टर प्रस्ताव जो कि उद्यमी द्वारा क्रियान्वित किये जा सकते हों के संदर्भ में मार्गदर्शन/अधिक जानकारी के लिये किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय-उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग केंद्र, लखनऊ। पता-8, कैण्ट रोड, कैसरबाग, लखनऊ से सम्पर्क कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com