प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त तथा प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्री वी0एन0गर्ग ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण बहुत आवश्यक है। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन का भी प्रभाव दिखाई दे रहा है, इसलिए उसके कारणों को रोकना तथा उसके प्रभावांे को कम करना बहुत जरूरी है।
श्री गर्ग आज यहां पर्यावरण निदेशालय गोमती नगर के सभागार में नेशनल ग्रीन कोर योजना के अन्तर्गत इको क्लबों की स्थापना से संबंधित दो दिवसीय राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पर्यावरण शिक्षण केन्द्र तथा पर्यावरण निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। इसमें प्रत्येक जनपद से दो मास्टर ट्रेनर ने भाग लिया।
श्री गर्ग ने कहा कि प्रदेश में 11 हजार इको क्लबों की स्थापना की जानी है तथा प्रत्येक जनपद के 250-300 विद्यालयों में इको क्लब बनाये जायेंगे तथा प्रत्येक इको क्लब में 25-30 बच्चे होंगे। उन्होंने कहा कि इको क्लब का मुख्य उद्देश्य, बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना, पर्यावरण संरक्षण के तरिकों की जानकारी देना तथा पर्यावरण संरक्षण के नये-नये तरिकों की जानकारी प्राप्त करना है।
श्री गर्ग ने कहा कि इको क्लब योजना भारत सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है। उ0प्र0 में यह योजना 2001 मंे प्रारम्भ की गई थी लेकिन किसी कारण वर्ष 2006-2007 में बन्द हो गयी। पुनः इस योजना को 30 अगस्त 2014 को प्रारम्भ किया गया है। वर्तमान में इस योजना के अन्तर्गत 6000 स्कूलों में इको क्लब की स्थापना हो गयी है।
श्री गर्ग ने कहा कि मास्टर ट्रेनर की जिम्मेदारी होगी कि वह इको क्लबों को प्रभावी ढंग से लागू करें तथा जनमत को इसके लिए तैयार करें। उन्होंने कहाकि जनपद स्तर पर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गयी है जिसमें जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक कमेटी के संयोजक होंगे। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर को जहां पर भी कोई असुविधा हो वह जिलाधिकारी एवं डी0आई0ओ0एस0 से सम्पर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी की इच्छा के अनुसार क्लीन यू0पी0, ग्रीन यू0पी0 में सभी का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 मंे वन क्षेत्र कुल क्षेत्रफल का 6 प्रतिशत है जबकि देश का औसत वन क्षेत्र 30 प्रतिशत है। उन्होंने जल्द ही इसकी वेबसाइट तथा फेस बुक भी लांच करनेके निर्देश दिये।
पर्यावरण शिक्षण केन्द्र की प्रीति कन्नौजिया ने कहा कि प्रत्येक इको क्लब को 2500 रुपये दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 5000 रुपये किया जायेगा। यह धनराशि स्कूल के खाते में सीधे जायेगी।
कार्यशाला को निदेशक पर्यावरण श्री आर0के0सरदाना तथा विशेष सचिव श्री मणि प्रसाद मिश्रा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर पर्यावरण इको क्लब से संबंधित एक पुस्तिका का विमोचन भी मुख्य अतिथि द्वारा किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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