जन सुविधा केन्द्र के संचालकों ने अपनी समस्याओं के निदान हेतु एवं जनसुविधा केन्द्र में आ रही समस्याओं को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रभावी कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
जनसुविधा केन्द्र के संचालकों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जनसुविधा केन्द्रों से आय, जाति, निवास, प्रार्थनापत्र फीडिंग करके जारी किये जाते है। दिनांक 24 अक्टूबर 2014 से ई-डिस्ट्रिक्ट की वेबसाइट लगातार बन्द चल रही थी किसी तरह 01 नवम्बर 2014 को साइट खुली तो पाया गया कि जो जनसुविधा केन्द्र लोकवाणाी केन्द्रों पर आवेदन फीड किये गये थे तथा पूर्व में जिनके प्रमाण पत्र जारी किये जा चुके है उन सभी के डाटा वेबसाइट पर उपलब्ध ही नही है और तकनीकी खराबी से गायब हो चुका है। आश्चर्य की बात यह है कि यह डाटा गायब कैसे हुआ और ऐसी स्थिति में डाटा पुनः वापस कैसे आयेगा यदि डाटा नहीं वापस आता है तो प्रमाण पत्रों का सत्यापन किस तरह से होगा। साथ ही संचालकों ने यह भी जिलाधिकारी के सामने रखा कि जो शुल्क लोकवाणी केन्द्र का है उस शुल्क के माध्यम से फार्म जमा किया गया था लेकिन आज ग्राहक अपना दिया हुआ शुल्क वापस मांग रहे है ऐसे में लोकवाणी संचालकों का कहना है कि जो फीस ग्राहकों से लिया गया है वह तो सरकारी कोष में जमा किया जा चुका है। ऐसे में ग्राहकों का पैसा कैसे वापस किया जा सकता है। इन्हीं सब मामलों को लेकर जनसुविधा केन्द्र संचालकों ने डीएम से मिलकर प्रभावी कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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