विकास खण्ड मुख्यालय स्थित मुसाफिरखाना - देवरा मार्ग पर लाखों रूपये की बेशकीमती सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं ने राजस्व विभाग की मिली भगत से कब्जा कर लिया।
उच्च न्यायालय एवं जिले के शीर्ष अधिकारियों का सख्त फरमान भी यहां भू-माफियां के आगे नतमस्तक हो गया। उपजिलाधिकारी की शिथिलता के चलते क्षेत्र में भू-माफिया सक्रिय हो गए है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत हैघना केला के गाॅव टेरी में मुसाफिरखाना देवरा मार्ग पर तालाब स्थित है। मेन मार्ग की जमीन भी तालाब गाटा संख्या में अंकित है, इस जमीन पर गाॅव के दबंग राजस्व विभाग की मिलीभगत करके अपना पक्का मकान बनवाकर सरकारी भूमिका इस लाखों की बेशकीमती जमीन को कब्जा करवाने में संदिग्ध है कई बार समाचार पत्र ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का समाचार भी प्रमुखता से छापा लेकिन यहां यहां भू-माफियाओं का राज कायम है। मेन मार्ग पर देखते-देखते कब्जा हो गया यहीं नहीं बल्दीराय समरथपुर मार्ग पर भी इन भू-माफियाओं ने बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जाकर लिया। लेकिन राजस्व महकमा देखता रह गया।
सदर एसडीएम के कड़े तेवर भी ऐसे भू-माफियाओं के आगे झुक गए। शासन के मातहत प्रशासनिक अधिकारी सरकार की भी जमीन की सुरक्षा नहीं कर पा रहे है तो आमजन की जमीनों की कैसी सुरक्षा होती होगी? भू-माफियाओं का वर्चस्व क्षेत्र में लगातार कायम हो रहा है लेकिन शिकायत हो या न हो राजस्व विभाग के शीर्ष अधिकारी और राजस्व निरीक्षक, लेखपाल इन सरकारी जमीनों को सुरक्षित नहीं कर पा रहे है। उच्च न्यायालय का सरकारी जमीन से तत्काल कब्जा कटवाएं जाने का सख्त फरमान अधिकारियों की लचीली एवं कर्तव्यहीनता के कारण बेमानी साबित हो रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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