समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि जिन महापुरूषों से देशवासी प्ररेणा लेते हैं उनको भी अब संकीर्ण राजनीति के घेरे में बांधा जा रहा है। इतिहास को नए अंदाज में पेश करने की कोशिशें हो रही हैं। महापुरूषों को भी छोटा-बड़ा बनाया जा रहा है। यह स्थिति निश्चय ही अनुचित और असंगत है तथा राष्ट्रीय गरिमा को भी प्रभावित करनेवाला है। इसमें भी जो लोग राष्ट्रीय महापुरूषों को जाति, संप्रदाय के साथ जोड़ते हैं वे और भी ज्यादा गलत काम करते हैं। राष्ट्र के महापुरूष किसी एक के नहीं, सबके होते हैं।
कांग्रेस ने अपने शासनकाल में इतिहास को अपना रंग देने में संकोच नहीं किया। ठीक इसी तरह भाजपा और बसपा ने भी महापुरूषो को अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने का जरिया बनाया है। इस कृत्य को किसी भी तरह वांछनीय नहीं ठहराया जा सकता है। राजनीति में बदले की भावना से कोई निर्णय नहीं होना चाहिए। राजनीति में विद्वेष के लिए कोई जगह नहीं होती हैं।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि सभी महापुरूषों का सम्मान होना चाहिए। जिन्होने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया और अपना बलिदान किया तथा जो आजादी के बाद राष्ट्र की अस्मिता बचाने में आगे रहे उन सबको सम्मान मिलना चाहिए। समाज सुधारको स्वतंत्रता सेनानियों के कार्यो और संघर्षो से आनेवाली पीढि़यां प्रेरणा लेती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने दूसरी पार्टियों द्वारा स्थापित स्मारकों, महापुरूषों की प्रतिमाओं के साथ कहीं छेड़छाड़ नहीं की बल्कि उन्हें भी पूरी सुरक्षा दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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