उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक श्री एस0पी0 जोशी ने कृषकों को सलाह दी है कि इस समय नर्सरी में तैयार आम, बेर, कटहल, आँवला के बीजू पौधों को एक मीटर चैड़ी क्यारियों में रोपित कर दें। रोपाई के समय लाइन से लाइन तथा पौधे से पौधे की दूरी 50 सेमी0 रखें, इससे इन पौधों पर कलम बांधने में सुविधा होगी। इसी प्रकार तैयार गूटी व कलमी पौधे भी क्यारियों में रोपित कर दें। रोपाई के बाद इन क्यारियों की नियमित रूप से सिंचाई करते रहें।
उद्यान निदेशक ने बताया कि इस समय पौधशालाओं में कीट एवं व्याधियों के नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आम के गुम्मा व्याधि (मैंगो आलफारमेशन) तथा आम के शाखा गांठ भीट के रोकथाम के लिये क्रमशः 200 पी0पी0एम0 मैरथेलीन एसिटिक एसिड तथा 200 पी0पी0एम0 नैप्थिलीन का छिड़काव ठंड पड़ने पर करें तो अधिक लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि एंथ्रेक्नोज व्याधि की रोकथाम के लिये 0.3 प्रतिशत कापर आक्सीक्लोराइड का छिड़काव करना इस समय बहुत जरूरी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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