उ0प्र0 के 18 मण्डलों के सभी जनपदों में 17 अक्टूबर 2014 को रबी 2014-15 में ‘‘अपनी मिट्टी पहचानें अभियान’’ का प्रथम चरण मनाना गया। 17 अक्टूबर, 2014 को अपनी मिट्टी पहचानें अभियान के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य 8,04,000 के सोपक्ष 2,89,664 36.03 प्रतिशत मृदा नमूनें एकत्रित किये गये। कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा इस महत्वूपर्ण कार्यक्रम में भाग लेकर मृदा परीक्षण के महत्व के बारे में किसानों को जानकारी दी गयी।
कृषि निदेशक श्री ए0के0बिश्नोई ने बताया कि अभियान दिवस में कृषकों को मिट्टी की जांच के आधार पर दी गयी संस्तुति के अनुसार उर्वरक प्रयोग कर, रबी फसलों की बुवाई समय से करने हेतु प्रेरित किया गया। कृषकों को यह सलाह भी दी गयी कि अब समय आ गया है कि वे अपने खेत की मिट्टी के मुख्य पोषक तत्वों नत्रजन, फारस्फोरस एवं पोटाश के साथ द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी जांच करायें, क्योंकि जमीन में द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी कमी परिलक्षित हो रही है। यद्यपि इनकी कम मात्रा प्रयोग करनी होती है किन्तु बिना इनके प्रयोग के अच्छी पैदावार सम्भव नहीं है।
इस अभियान दिवस में कृषक कतिपय कारणों से अपने खेतों की मिट्टी के नमूनें प्रयेागशाला में जमा करने से वंचित रह गये हैं वे अपने खेतों की मिट्टी के नमूनें रबी फसलों की बुवाई के पूर्व अपने जनपदीय भूमि परीक्षण प्रयेागशाला में जमा करें और मिट्टी की जांच के परिणाम के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गयी संस्तुति के अनुसार आवश्यक उर्वरकों एवं खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें, जिससे कि प्रदेश में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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