उ0प्र0 के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने समस्त जिला दुग्ध प्रबंधकों एवं सहकारी दुग्ध समितियों के इकाई प्रभारियों तथा जिला दुग्ध विकास अधिकारियों को ग्रामीण अंचल के दुग्ध उत्पादकोंध्किसानोंध्पशुपालकों के हित में ग्राम स्तरीय सहकारी समितियों का गठन करकेए उन्हें उक्त समितियों से जोड़ने और उनके द्वारा उत्पादित किये जाने वाले दूध को खरीद करके उपार्जित करने के निर्देश दिये है।
दुग्ध विकास मंत्री ने ग्राम स्तरीय सहकारी दुग्ध समितियों को गठित करके ग्रामीण अंचल के दुग्ध उत्पादकों जिसमें अधिकतर भूमिहीन सीमान्त एवं लघु सीमान्त कृषक होते हैं उन्हें तकनीकी ज्ञान देकर अधिकाधिक दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने समस्त जिला दुग्ध प्रबंधकोंध्समितियों के इकाई प्रभारियों तथा दुग्ध विकास अधिकारियों को ग्राम स्तरीय समितियों के सदस्यों द्वारा उत्पादित दुग्ध को उनके द्वार पर ही उपार्जित करने तथा उनको समुचित मूल्य दिलाकर बिचैलियों के शोषण से उन्हें मुक्ति दिलाने के निर्देश दिये हंै।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने सहकारी दुग्ध समितियों से संग्रहीत दूध को दुग्धशालाओं में विद्यमान प्रक्रिया के उपरान्त पाश्चुरीकृतए स्वच्छ एवं कीटाणु रहित दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों को उपभोक्ताओं को बिक्री हेतु उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। उन्होंने दुग्ध समितियों द्वारा उपार्जित दुग्ध की गुणवत्ता को बनाये रखने तथा उपभोक्ताओं काी स्वच्छए शुद्ध दूध उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया है।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने प्रदेश में स्थापित समस्त पराग डेरियों पर उपलब्ध बिक्री हेतु दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि दुग्ध विकास के सभी अधिकारीध्कर्मी पूर्ण निष्ठाए लगन एवं कठिन परिश्रम से दुग्ध उपार्जन तथा दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाने हेतु पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि सहकारी दुग्ध समितियोंए दुग्धशालाओंए पराग बूथों पर बिक्री हेतु उपलब्ध दूध तथा दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता में कमी पाई जायेगी तो संबंधित अधिकारियोंध्कर्मियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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