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चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता ‘विजमिक-2014’ पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न इण्डोनेशिया की टीम ने जीती ओवरआॅल चैम्पियनशिप

Posted on 22 October 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, आर.डी.एस.ओ. कैम्पस द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता ‘विजमिक-2014’ का भव्य समापन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में हुआ। इस अवसर पर इण्डोनेशिया, फिलीपीन्स, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैण्ड एवं भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे के बाल गणितज्ञों ने मानवता के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। इससे पहले मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रदेश के पाॅलिटिकल पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने ज्ञान का दीप प्रज्वलित कर समापन समारोह का विधिवत उद्घाटन किया व देश-विदेश के विजयी छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। लगातार चार दिन चली इस गणित प्रतियोगिता में विश्व के विभिन्न देशों ने पधारे 500 से अधिक बाल गणितज्ञों ने व्यक्तिगत प्रतियोगिता एवं समूह प्रतियोगिता में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया एवं अपनी गणितीय प्रतिभा का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता में इण्डोनेशिया (टीम-ए) के छात्रों ने अपने गणित ज्ञान का सर्वोच्च प्रदर्शन कर ओवरआॅल चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाया जबकि ओवरआॅल रनरअप ट्राफी थाईलैण्ड (टीम-डी) के छात्रों ने जीती। इसके अलावा, सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के छात्रों ने बेस्ट इण्डियन टीम का खिताब अपने नाम किया। विजमिक-2014 की व्यक्तिगत प्रतियोगिता में देश-विदेश के 24 छात्रों ने स्वर्ण पदक, 31 छात्रों ने रजत पदक एवं 36 छात्रों ने कांस्य पदक अर्जित किया। सर्वाधिक स्वर्ण पदक इण्डोनेशिया के छात्रों ने अर्जित किए। इसी प्रकार टीम कान्टेस्ट में इण्डोनेशिया व थाईलैण्ड के छात्रों ने बाजी मारी एवं सर्वाधिक पदक अर्जित किया।
‘विजमिक-2014’ के पुरस्कार वितरण व समापन समारोह में देश-विदेश के बाल गणितज्ञों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र चैधरी, मंत्री, पाॅलिटिकल पेंशन ने कहा कि गणित की पढ़ाई कभी खत्म नहीं होती। सृष्टि के हर पहलू में गणित के नियम चलते हैं और विधाता ही सबसे बड़ा गणितज्ञ है। मैं यहां एकत्रित देश-विदेश के बाल गणितज्ञों से यही कहूँगा कि वे अपनी बुद्धि और ज्ञान की शक्ति को विधाता की देन समझें और इसे मानव कल्याण में लगायें। श्री चैधरी ने बाल गणितज्ञों से अपील की कि वे अपने ज्ञान को ईमानदारी से विश्व समाज की सेवा में लगायें जिससे मानव जाति निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर रहे और आगे आने वाली चुनौतियाँ बाधक न बनकर मील का पत्थर बनें।
इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने देश-विदेश से पधारे बाल गणितज्ञों, टीम लीडरों व गणित विशेषज्ञों के सम्मान में रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत विश्व शांति प्रार्थना, सर्व-धर्म प्रार्थना और वल्र्ड पार्लियामेन्ट की उत्कृष्ट प्रस्तुति को सभी ने सराहा। इस अवसर पर देश-विदेश की टीमों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। सभी गीतों और नृत्यों में अनेकता में एकता का संदेश झलक रहा था।
विजमिक-2014 की संयोजिका व सी.एम.एस. आर.डी.एस.ओ. कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती स्वप्ना मंशारमानी ने इस अवसर पर कहा कि इन चार दिनों में छात्रों ने गणित में पारंगतता तो हासिल की ही, साथ ही आपसी विचार विमर्श से देश विदेश की सभ्यता व संस्कृति की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी छात्र सभी विजयी हैं क्योंकि सभी ने यहां आकर कुछ नया सीखा है। सी.एम.एस. की संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. बालकों में वैज्ञानिक सोच और विश्व बन्धुत्व की भावना डालना चाहता है क्योंकि आगे आने वाली शताब्दी में गणित और विज्ञान द्वारा ही हम विश्व की समस्याओं का हल निकल सकते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि बच्चे यहां आपस में मिलकर एक दुनिया व एक परिवार की बात सोच रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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