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ए.सी.पी. व्यवस्था में विसंगतियों के निराकरण तथा शासनादेशों को स्पष्ट किए जाने हेतु समेकित शासनादेश निर्गत करने का निर्णय

Posted on 22 October 2014 by admin

मंत्रिपरिषद ने सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए.सी.पी.) की व्यवस्था में विसंगतियों के निराकरण तथा शासनादेशों को स्पष्ट किए जाने हेतु समेकित शासनादेश निर्गत करने का निर्णय लिया है।
इसके अनुसार ऐसे कार्मिक, जिन्हें प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को 10 वर्ष से अधिक की सेवा पर प्राप्त हुआ था, उन्हें प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन में 06 वर्ष की सेवा का प्रतिबंध होने के कारण द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन 16 वर्ष से अधिक की सेवा पर मिल रहा था। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अब उन्हें द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन कुल 16 वर्ष पर देय होगा।
ऐसे पदधारक, जिनकी पदोन्नति दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के बाद समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में प्राप्त वैयक्तिक वेतनमान में हो जाती है तो द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिए जाने हेतु ऐसी पदोन्नतियों का संज्ञान नहीं लिया जाएगा।
ऐसे पदधारक, जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में द्वितीय वैयक्तिक वेतनमान प्राप्त हो रहा हो, उनकी वास्तविक पदोन्नति निम्न वेतनमान में अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् समान या उच्च वेतनमान में हो जाती है तो तृतीय ए.सी.पी. की अनुमान्यता हेतु ऐसी पदोन्नति का संज्ञान नहीं लिया जाएगा।
वरिष्ठ कार्मिक को समयमान वेतनमान और कनिष्ठ कार्मिक को ए.सी.पी. मिलने की स्थिति में वरिष्ठ का वेतन कम होने पर उसे कनिष्ठ के समान कर दिया जाएगा।
समयमान वेतनमान की अनुमन्यता विषयक विभागीय आदेश निर्गत होने से 90 दिन के अंदर विकल्प प्रस्तुत करने की व्यवस्था की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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