प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप जल्द ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को निर्माण स्थल पर दोपहर को सस्ती दरों पर पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाना है। इस ंसबंध में आज प्रमुख सचिव, श्रम श्री शैलेश कृष्ण ने समस्त उपश्रमायुक्तों/सहायक श्रमायुक्तों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस योजना में सब्सिडी दी जायेगी जिसपर प्रतिवर्ष 250 से 300 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही निविदायें आमंत्रित की जानी हैं। निविदा स्वीकृत करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखा जायेगा कि निविदा उसी संस्था की स्वीकृत की जाय जो अपने किचन में हाईजीन एक्सपर्ट को रखेगा, क्योंकि खाना तैयार करने के स्थान पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को पौष्टिक भोजन दिये जाने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बहुत आवश्यक है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि इस योजना के संचालन में राज्य कर्मचारी कल्याण निगम का सहयोग भी लिया जायेगा। कर्मचारी कल्याण निगम के कर्मचारी द्वारा श्रमिकों को दिये गये भोजन का विवरण रजिस्टर में अंकित किया जायेगा, उसका लेखा-जोखा रखा जायेगा तथा उसको कम्प्यूटर में फीड कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के संचालन में ‘‘फुलप्रूफ’’ व्यवस्था की जायेगी।
प्रमुख सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में जहां पर भी वृहद स्तर पर निर्माण कार्य हो रहें हंै, उन स्थानों का चयन कर सूची शासन को भेजी जाय ताकि उसी अनुरूप वहां भोजन उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि यह योजना लखनऊ से शुरू की जायेगी तत्पश्चात सम्पूर्ण प्रदेश में इसका संचालन किया जायेगा।
बैठक में निदेशक, राज्य कर्मचारी कल्याण निगम, समस्त उपश्रमायुक्त/सहायक श्रमायुक्तों के साथ ही शासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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