Categorized | लखनऊ.

मेरठ की रालोद रैली में स्व0 चैधरी चरण सिंह का स्मारक बनाये जाने की मांग पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि स्व0 चैधरीचरण सिंह जी किसानों के मसीहा तथा देश के सात्विक नेता थे।

Posted on 14 October 2014 by admin

मेरठ की रालोद रैली में स्व0 चैधरी चरण सिंह का स्मारक बनाये जाने की मांग पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि स्व0 चैधरीचरण सिंह जी किसानों के मसीहा तथा देश के सात्विक नेता थे। इतने बड़े और महान नेता का स्मारक बनने पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है। किसान, सामान्य जन और कडे़ अनुशासन के प्रति उनका दृष्टिकोण अनुकरणीय व जग जाहिर था।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि स्व0 चैधरी साहब भाजपा की पूर्वीवर्ती जनसंघ के सहयोग ही से उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री बने थे। इसी सरकार में स्व0 रामप्रकाश गुप्त उपमुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे। भाजपा की स्व0 चैधरी चरण सिंह और उनके आदर्शो में पूर्ण निष्ठा है। पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता चैधरी साहब का दिल से सम्मान करता हैं इसलिए चैधरी साहब के स्मारक बनने से भाजपा को कोई  मतभेद का प्रश्न ही नहीं उठता हैं।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि आज की मेरठ की रैली में मंच पर जदयू के मा0 श्री नीतिष कुमार, मा0 शरद यादव और श्री के.सी. त्यागी, कांग्रेस के नसीब पठान, सपा के मंत्री मा0 शिवपाल यादव, श्री देवगौड़ा जी एवं स्वयं मा0 अजित सिंह विराज मान थे। इस रैली में 12 तुगलक रोड को चैधरी साहब का स्मारक बनाने के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 बाजपेयी ने याद दिलाया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक पी.आई.एल. में निर्देश दिया कि बंगलों को स्मारक में तब्दील नही किया जायेगा। इसी निर्णय के अधीन तत्कालीन केन्द्रीय सरकार के मंत्रिमण्डल ने निर्णय कर पालिसी गाइड लाइन संख्या 12035ध्8ध्94ध्.च्वस प्प् दिनांक 02ध्11ध्2000 को जारी करके बंगलों को स्मारक मे बदलने पर रोक लगा दी।
डाॅ0 बाजपेयी ने याद दिलाया कि जिस मन्त्रिमण्डल की बैठक में सन् 2000 में बंगलों का स्मारक में बदलने पर रोक का निर्णय लिया गया था, उस बैठक में उस समय मा0 श्री नितीष कुमार, मा0 शरद यादव केन्द्रीय मन्त्री पद पर आसीन थे।
माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने पुनः एक सिविल याचिका नं. 4064/2004 एस.डी.बन्दी बनाम डिवीजनल ट्रैफिक अफिसर ज्ञण्ैण्त्ण्ज्ण्ब् और अन्य में दिनांक 05 जुलाई 2013 को बंगलों को स्मारक में बदलने पर रोक लगा दी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की रोक अभी तक प्रभावी है।
पुनः सन् 2013 के बंगलों को स्मारक में बदलने के रोक लगाने के निर्णय के समय मा0 श्री अजित सिंह श्री मनमोहन सिंह मंत्रीमण्डल में स्वयं कैबिनेट मन्त्री थे। इस दोनों बैठकों में इन मा0 केन्दीय मंत्रीगणों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी। तब मेरठ के मंच पर आपत्ति का औचित्य क्या ?
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि
ऽ    अच्छा होता कि यह मंच सपा के द्वारा गन्ना किसानों का भुगतान न किये जाने की चिन्ता व्यक्त करता।
ऽ    अच्छा होता यह मंच आगामी पेराई सत्र में चीनी मिलों के चलाने की अनिश्चतता को सपा सरकार से खत्म करने की मांग करता कि मिल मालिकों से साॅठगाॅठ खत्म करके चीनी मिलों को चलाने का निर्णय करें ।
ऽ    अच्छा होता यह इस मन्च पर प्रदेष के बिजली संकट पर चर्चा होती।
ऽ    अच्छा होता यह एकता प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था पर सपा सरकार के विरूद्ध दिखाई गई होती
ऽ    अच्छा होता कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेन्च की स्थापना पर यह मन्च चर्चा करता।
डाॅ बाजपेयी ने कहा कि यदि उपर्युक्त मामलों पर मन्च की एकता दिखाई पड़ती तो राजनीति के आदर्श स्व0 चैधरी चरण सिंह के चरणों में श्रेष्ठ विनम्र श्रद्धाजंलि होती। इस सभा में उपस्थित नेताओं को दुराग्रह छोडकर सबकी सहमति से स्व0 चैधरी साहब का स्मारक बनाने का रास्ता निकालना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in