‘‘देशभर में एक बड़ी समस्या है कि अनगिनत मुकदमें लम्बित हैं, न्यायपालिका की कामयाबी तभी होगी जब जनता को शीघ्र न्याय मिल सके, लम्बित मुकदमें शीघ्र निस्तारित हों।’’ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने ये बातें आज यहां गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित आॅल इण्डिया जजेज एसोसियेशन एवं उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित तृतीय नेशनल जुडीशियल कांफ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास ही न्यायपालिका की पूंजी है। असली अदालत जनता की अदालत होती है। श्री हसन ने कहा कि हमारी जुडीशियरी की तमाम मुश्किलें हैं, जिन पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विचार विमर्श करके उन्हें दूर करने के हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
समारोह में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री टी0एस0 ठाकुर, सर्वोच्च न्यायालय भारत सरकार भी उपस्थित थे। कांफ्रेंस में ‘‘रिफाम्र्स नीडेड सबआॅर्डिनेट जुडीशियरी’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुये श्री राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि सबआॅर्डिनेट जुडीशियरी हमारे न्याय मंदिर के प्रवेश द्वार हैं इन्हें सशक्त बनाना अति आवश्यक है ताकि न्यायपालिका में जनता का विश्वास बना रहे। उन्होंने कहा कि जो मुश्किलें हैं, उन्हंे महसूस किया जाना चाहिये। वहां सपोर्टिंग स्टाफ की कमी है। उन्होंने प्रशिक्षित सहयोगियों की जरूरत के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार की बात कही। उन्होंने रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ाने की बात कही।
दिल्ली से आईं नूतन सरदेसाई ने भी टेक्निकली जागरुक लोगों की कमी को रेखांकित किया। दिल्ली के ही श्री टी0के0 जंगाला ने भी कहा कि जुडीशियरी सर्विसेज में समय से प्रमोशन होने जरूरी हैं। इनके अतिरिक्त त्रिपुरा के डी0के0 जमालिया तथा तमिलनाडु के आर0वी0आर0 ने भी अपने विचार व्यक्त किये। वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद खण्डपीठ, लखनऊ श्री इम्तियाज मुर्तजा ने कहा कि न्यायिक निर्णयन प्रक्रिया को और अधिक सुगम एवं सुलभ बनाने की जरूरत है और इसका दायित्व हम सभी पर है। इनके अतिरिक्त न्यायमूर्ति श्री पी0सी0 पंत, सर्वोच्च न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति डाॅ0 डी0वाई0 चन्द्रचूण, श्री वी0पी0 सिंह, जिला जज, आगरा/महासचिव आॅल इण्डिया, जजेज एसोसिएशन भी इस समारोह में उपस्थित थे और उन्होंने भी निर्धारित विषय ‘‘रिफाम्र्स नीडेड सब-आॅर्डिनेट जुडीशियरी ’’ पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। समारोह में भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों से आये प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर अपने विचार व्यक्त किये। ‘‘रिफाम्र्स नीडेड सब-आॅर्डिनेट जुडीशियरी ’’ के सम्बन्ध में वक्ताओं ने अपने अपने-अपने दृष्टिकोण को सामने रखते हुये न्यायपालिका को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये और अधिकार एवं सुविधाओं की मांग की तथा न्यायाधीश और जनता के बीच सामन्जस्य स्थापित करते हुये प्रत्येक व्यक्ति को शीघ्र और सुगम तरीके से न्याय दिलाने पर बल दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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