समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने प्रदेश में किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के हित में जो महत्वपूर्ण कार्य किए हैं उससे उसकी लोकप्रियता बढ़ने के साथ मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के प्रति जनता का भरोसा भी बढ़ा है। इससे सांप्रदायिक ताकतों में बौखलाहट पैदा हो गई है। विधान सभा के उपचुनावों में सांप्रदायिक ताकतों को जनता ने जिस बुरी तरह से पराजित किया है उससे यह शक्तियां फिर से सक्रिय हो गई है। वे पहले से ही “लवजिहाद“ और कानून व्यवस्था के नाम पर प्रदेश में अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिशों में लगी हुई है।
समाजवादी सरकार के ढाई सालों में जब मुख्यमंत्री जी के सख्त रूख अपनाने से सांप्रदायिक ताकतों की चालें सफल नहीं हो सकी तो अब उनको नए दिशा निर्देश देने के लिए आरएसएस ने राजधानी लखनऊ में अपना जमावड़ा किया हैं। इस संगठन का मूल चरित्र ही सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना रहता हैं। इसके लिए पहले वह देश के सबसे बड़े प्रदेश में सामाजिक तानाबाना और सामाजिक सद्भाव को समाप्त करने की कुटिल चालें चलने में लगी रही।
सच तो यह है कि समाजवादी सरकार बनने के दिन से ही सांप्रदायिक दल भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद आदि ने अफवाहीबाजी और नफरतभरी बयानबाजी के जरिए प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की साजिशें रचना शुरू कर दिया था। मेरठ में सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाने के काम में भाजपा, आरएसएस ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अभी भी इन तत्वों द्वारा प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए बाकायदा अभियान चलाया जा रहा है। मेरठ (खरखोंदा) की युवती ने खुद बयान देकर “लवजिहाद“ के नाम पर उपद्रव भड़काने वालों की पोल खोल दी है।
लेकिन जैसे अभी ये सांप्रदायिकता फैलाने वाले तत्व जनता का ध्यान समाजवादी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से हटाने में विफल रहे हैं वैसे ही आरएसएस की नई तिकड़मों के बावजूद जनता उनसे गुमराह नहीं होगी। समाजवादी पार्टी के नेता श्री मुलायम सिंह यादव धर्मनिरपेक्षता के प्रबल पक्षधर हैं और उनके रहते सांपद्रायिक ताकतें उत्तर प्रदेश में अपने पैर न कभी जमा पाई हंै और नहीं उसकी कोई सम्भावना है। यहां की जनता श्री मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अगुवाई में इन सांप्रदायिक ताकतों को करारा जवाब देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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