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भारतीय जनता पार्टी ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित राजनीतिक एवं आर्थिक प्रस्ताव पर तीखा हमला किया है।

Posted on 11 October 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित राजनीतिक एवं आर्थिक प्रस्ताव पर तीखा हमला किया है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में हार से बौखला गई है। ऐसे में अपना और अपने सरकार की कमी खोजने के बजाय सपा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, सर्वोच्च न्यायालय, राज्यपाल पद की प्रांसगकिता और लोकतंत्र के चैथे खम्भे मीडिया पर भड़ास निकाल रही हैं।
डाॅ0 बाजपेयी ने कहा कि सपा के 16 पृष्ठों वाले  प्रस्ताव के पृष्ठ संख्या 1 में पहले पैराग्राफ, पृष्ठ 6 के दूसरे व तीसरे पैराग्राफ और पृष्ठ संख्या 15 के दूसरे पैराग्राफ में मीडिया के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया वह न केवल निन्दनीय है बाल्कि लोकतन्त्र पर हमला भी है। इनके प्रस्ताव को पढ़ने पर लगता है कि सपा की बुरी हार की जिम्मेदार उनकी नीतियाॅं, खराब कानून व्यवस्था और विकास का पिछड़ापन नहीं बल्कि मीडिया है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि सपा नेताओं ने संवैधानिक मान्यताओं को लांघते हुए सर्वोच्च न्यायालय की न्याय प्रणाली और राज्यपाल की गरिमा पर भी प्रश्न खड़ा किया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों पर अजीब उदाहरणों द्वारा सवाल खड़ा किया गया, जो घोर आपत्तिजनक है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि प्रस्ताव में कई तथ्यविहीन और झूठे आंकड़ों द्वारा भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी है। उन्होंने कहा कि सपा के प्रस्ताव में खुदरा मंे एफ.डी.आई. की भी बात का उल्लेख है जो सत्य से बहुत दूर है। डा0 बाजपेयी ने एन.डी.ए. सरकार बनने के बाद मंहगाई बढ़ने की बात को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि भाजपा की सरकार बनने के पश्चात पेट्रोल, दवा, गैस सिलेण्डर, खाने के तेल, सब्जी सहित विभिन्न वस्तुओं के दामों में कमी आयी है, विकास दर में बढ़ोत्तरी हुई और मुद्रा स्फीति में भी कमी आयी है। जबकि मंहगाई और भ्रष्टाचार बढ़ाने वाली यूपीए सरकार की सहायक रही है समाजवादी पार्टी। उन्होंने पूछा कि यूपीए सरकार जब गरीबी का पैमाना 28 और 34 रूपये घोषित कर रही थी तो उस सरकार की गलबहिया पकड़े समाजवादी पार्टी क्या कर रही थी ?
डा0 बाजपेयी ने सपा द्वारा अपने घोषणा पत्र के वादों का 90 प्रतिशत पूरा करने का ढिढोरा पीटने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता बिजली के लिए परेशान है, विद्यार्थी टेबलेट के इंतजार में हंै, लैपटाॅप योजना बंद कर दी गयी है। सड़के खस्ताहाल है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है, सरकार मस्त हैं।
डाॅ0 बाजपेयी  ने प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढते हुए अपराध पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने महिला सुरक्षा 1090 के भरोसे छोड़ दिया है। उन्होंने पूछा जब थानों पर न्याय नहीं मिल रहा है तो 1090 का क्या औचित्य हैं ? स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार केन्द्र की योजना 108 और 102 का ढिढोरा पीट रही है जबकि प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य की व्यवस्था स्वयं अस्वस्थ हैं।
डाॅ0 बाजपेयी ने सपा सरकार पर आंतकवाद के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग आंतकवादियों को छोड़ने की पहल करते हों उनके द्वारा आंतकवाद पर चर्चा करना अटपटी लगती हैं।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव देश के पूर्व रक्षा मंत्री भी रहे हैं। लेकिन सीमा पर पाकिस्तान द्वारा किये जा रहे भयंकर गोलीबारी का हमारे जवान जवाब दने लगे तो उन्हें इसमें भी साम्प्रदायिकता की बू आने लगी। सपा मुखिया का यह कथन केवल भारतीय सैनिकों का मनोबल घटाने वाला है बाल्कि उनकी पार्टी की गुप्त नीतियां भी परिलक्षित होती हंै।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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