पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए राज्य सरकार प्रदेश का अधिक से अधिक भू-भाग हरा-भरा, वनों एवं वृक्षों से आच्छादित रखने के लिए विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अनुदान की सुविधा उपलब्ध करा-कर नवीन उद्यानों का रोपण करा रही है। इन उद्यानों में मुख्यतः फलदार (कलमी एवं बीजू पौधों) तथा कुछ शोभाकार पौधों का रोपण कार्य कराया जाता है।
प्रदेश का उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग राज्य को हरा-भरा रखने के अलावा लुप्त हो रही महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देना, उनको संरक्षित कराना व उनके बीज/पौध सामग्री उत्पादन करने की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। यह योजना प्रदेश के 18 जिलों बाराबंकी, मथुरा, सोनभद्र, हरदोई, पीलीभीत, हमीरपुर, बलरामपुर, गाजीपुर, बहराइच, बस्ती, मुजफ्फरनगर, महराजगंज, बलिया, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, झांसी एवं फैजाबाद में विगत 4 वर्षों से चलाई जा रही है। इस योजना में सतावर तथा सर्वगन्धा के क्षेत्र विस्तार के अन्तर्गत 0.2 हेक्टेयर क्षेत्रफल की इकाई पर फसल प्रदर्शन के लिए क्रमशः 2500 रुपये तथा 6250 रुपये प्रति प्रदर्शन की दर से अनुदान, निवेश के रूप में लाभार्थी को दिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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