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कृषि संबंधी मेले/गोष्ठियां आदि अक्टूबर तक करके कृषकों को जागरूक करें

Posted on 11 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री श्री राजीव कुमार सिंह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को संबंधित अधिकारी कृषि संबंधी सभी जानकारी समय पर दें, साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही कृषि सुविधाओं को भी समय से उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि रबी बुवाई का समय आ गया है विभाग ने 30 नवम्बर तक बुवाई का समय रखा है। इस निमित्त संबंधित अधिकारी किसानांे को गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन, बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टीसाइड आदि को किसानों को समय से उपलब्ध करा दें ताकि वे कृषि से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके।
श्री राजीव कुमार सिंह आज यहां आयोजित ‘‘राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी वर्ष 2014’’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि देश में कम विकास दर के लिए समीक्षा की गयी जिसमें पाया गया कि भूमि से पोषक तत्वों का अधिक दोहन, पानी के उचित प्रबन्धन का अभाव यानि वर्षा का कम होना, खाद व पोषक तत्वों का असंतुलित मात्रा में प्रयोग, फसलों के चयन का दोषपूर्ण तरीका, प्रमाणित व गुणवत्तायुक्त बीजों की कमी, फसल कटने के बाद उसका प्रबन्धन ठीक न होना, छोटी जोत वाले किसानों के लिए उपयुक्त खेती प्रणाली का अभाव तथा कृषि उत्पाद में विपणन की मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का अभाव आदि है। इन सबको दूर करने के लिए कृषि उत्पादन एवं कृषि विकास दर बढ़ाने के लिए जिन प्राथमिकताओं को चिन्हित किया गया है उनमें छोटी जोतो को उत्पादक और लाभकारी इकाई में परिवर्तित करना, मृदा स्वास्थ्य सुधारना, कृषि यंत्रीकरण, खरपतवार मुक्त खेती तथा राष्ट्रीय सूचना प्रबन्ध प्रणाली का प्रयोग करते हुए सूचना प्रणाली को विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा उ0प्र0 सरकार बीज, उर्वरक, रक्षा रसायनों के बढ़ावा दे रही है ताकि कृषि उत्पादकता बढ़े और किसान खुशहाल हो।
गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन0गर्ग ने बताया कि प्रदेश में रबी 2014-15 के लिए 393.200 लाख मी0टन खाद्यान्न उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो कि गत वर्ष के रबी उत्पादन से 61.278 लाख मी0 टन अधिक है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रबी 2014 में 45.05608 लाख कुन्तल विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीजों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है एवं बीज प्रतिस्थापन दर 36.45 प्रतिशत तक पहंुचानें का लक्ष्य प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि रबी 2014 में 35 मी0टन यूरिया, 12 लाख मी0टन डी0ए0पी0 5 लाख मी0टन एन0पी0के0, 1 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 एवं 3.50 लाख मी0टन सिंगल सुपर फाॅस्फेट के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही रबी 2014-15 में 42708.83 करोड़ रुपये का ऋण वितरण प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 41.21 लाख किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता पर वितरित कराये जाने का लक्ष्य भी है।

श्री गर्ग ने रबी 2014 रणनीति के बारे में बताया कि ‘अपनी मिट्टी पहचानें अभियान’, के अन्तर्गत 16.08 लाख मृदा नमूने का एकत्रीकरण कर किसानांे को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन, बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टीसाइड आदि की कृषकों को समय से उपलब्धता करायी जा रही है। कृषि उत्पादन कार्य से जुड़े संबंधित विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं कृषकों का मण्डल/विकास खण्ड/न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठियों का समय से आयोजन कराकर रबी की नवीनतम तकनीकी जानकारी/संस्तुतियों को अपनाने हेतु कृषकों को प्रेरित करने के दिशा-निर्देश दिये गये हैं। जिप्सम एवं माइक्रोन्यूट्रिएन्ट्स पर कुल 75 प्रतिशत अनुदान किसान को उपलब्ध रहेगा। रबी अभियान के अन्तर्गत त्वरित दलहन उत्पादन कार्यक्रम हरित क्रांति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन आत्मा योजना एवं अन्य योजनाओं में कृषि प्रदर्शनों की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि बीहड़ बंजर ऊसर एवं जलमग्न भूमियों को सुधार कर कृषि योग्य बनाने हेतु भूमि संरक्षण एवं जल संरक्षण कार्यक्रम का क्रियान्वयन 59105 हे0 क्षेत्र किया जा रहा है।
श्री गर्ग ने बताया कि इस वर्ष रबी में 30 नवम्बर तक 80 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं की बुवाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य है तथा शेष क्षेत्र में 10 दिसम्बर तक बुवाई पूर्ण करने का लक्ष्य है। समय से एवं लाइनांे में बुवाई हेतु जीरोटिल सीडड्रिल एवं फर्टिसीडड्रिल का वितरण प्रदेश के किसानों में बड़े पैमाने पर वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र में सिंचाई हेतु स्प्रिंकलर एवं एच0डी0पी0 पाइप अनुदान पर वितरित करने की व्यवस्था की गयी है। राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एवं पायलट आधार पर संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन। मृदा स्वास्थ्य बनाये रखने हेतु 2554700 लाख जैव उर्वरक पैकेट के वितरण रबी 2014-15 में प्रस्तावित है। बायोपेस्टीसाइड एवं बायोएजेन्ट के प्रयेाग का बढ़ावा देने हेतु 75 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गयी है। मृदा स्वास्थ्य हेतु सूक्ष्य तत्वों पर कुल 75 प्रतिशत अनुदान किसानों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।
गोष्ठी में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव प्रदेश के मण्डलीय संयुक्त कृषि निदेशक, उप कृषि निदेशक, कृषि विभाग के जनपदीय अधिकारीगण, कृषि विभाग से जुड़ें विभागों यथा सहकारिता, उद्यान, पशुपालन, सिंचाई, विद्युत, उ0प्र0 बीज विकास निगम, उ0प्र0 बीज प्रमाणीकरण संस्था, यू0पी0 एग्रो, पी0सी0एफ0 आदि के शीर्ष अधिकारियों सहित प्रदेश के प्रगतिशील कृषकों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर कृषि से संबंधित नवीनतम तकनीकी बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण आदि हेतु प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें सहयोगी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों एवं कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया।

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